china, corona, Coronavirus, covid in india, covid19कोरोना महामारी पहली बार तीन साल पहले चीन में सामने आई थी। उस समय से, इस वायरस के अधिक से अधिक मामले निकलकर सामने आये हैं। हाल के महीनों में कोविड के मामले कम होते हुए नजर आ रहे थे लेकिन अब चीन में उसका प्रकोप लौट आया है. अस्पतालों में मरीजों की संख्या अधिक हो रही है। हर दिन सैकड़ों लोगों की जान जाती है। दवाओं की कमी एक और मुद्दा है। चीन से आ रही तस्वीरें डराने वाली हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले दिनों में चीन की 90 फीसदी आबादी कोरोना की चपेट में आ जाएगी।
चीन के अलावा, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया में भी वायरस के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। भारत ने भी कई देशों में कोविड मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अपने अलर्ट सिस्टम को सक्रिय कर दिया है। इसी के आलोक में स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज एक बैठक की जहां केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने अधिकारियों के साथ कोविड-19 पर चर्चा की. इस बैठक के बाद देश में कोविद को लेकर नए नियम भी जारी किये गए हैं। लोगों से इस दौरान बूस्टर डोज लगाने और मास्क पहनने की अपील की गई है। साथ ही कोविड टेस्टिंग, ट्रेसिंग और वैक्सीनेशन बढ़ाने की भी गुजारिश की गई है.
इस समय सबसे अहम सवाल यह है कि क्या चीन में कोविड के कारण बिगड़े हालात भारत में भी देखने को मिल सकते हैं और क्या चीन जैसी स्थिति यहां भी पैदा हो सकती है. इसके लिए आइये हम आपको कुछ सवालों के जवाब देंगे।
सबसे पहले चीन में कोविड मामलों की बढ़ती संख्या का कारण समझना होगा। जानकारों के मुताबिक चीन में कोविड के मामले बढ़ने की दो वजहें हैं। पहला ओमिक्रॉन का bf.7 वेरिएंट है और दूसरा वैक्सीनेशन पॉलिसी को लेकर ख़राब सिस्टम। अभी चीन में ओमिक्रॉन का bf.7 वेरिएंट तेजी से फ़ैल रहा है। ओमिक्रॉन कोरोना का सबसे संक्रामक वेरिएंट है. इसके अतिरिक्त, इसमें संक्रमण की उच्च दर है। इसकी अधिकतम आरओ संख्या, या रिप्रोडक्शन संख्या 18 है। इसलिए इस प्रकार के संक्रमित व्यक्ति से वायरस 18 लोगों में फैल सकता है। अन्य वेरिएंट्स इस संख्या को अधिकतम पाँच तक ही सीमित करती हैं जिससे साफ़ होता है कि चीन में कोविड के मामले इतनी तेजी से क्यों बढ़ रहे हैं।
दूसरा कारण, जो खराब टीकाकरण नीति है, अब चर्चा में है। कई रिपोर्टों के अनुसार, चीन में केवल 30 से 40 प्रतिशत बच्चों को ही टीका लगाया गया है। कई स्थानीय लोगों को अभी तक टीके की पहली खुराक भी नहीं मिली है। जीरो कोविड नीति के चलते हर्ड इम्युनिटी भी नहीं बन पाई है। इस वजह से पाबंदियां हटते ही कोरोना फिर से फैलना शुरू हो जाता है। हालाँकि, इनमें से कोई भी कारक भारत के लिए खतरा नहीं है। क्योंकि भारत में वैक्सीनेशन डाटा भी अच्छा है और कोई गंभीर ओमिक्रॉन सबवैरिएंट लक्षण भी रिपोर्ट नहीं किए गए हैं।
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