नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर -पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को दे दिया था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया था. उसके बाद से ही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पूरे देश में विपक्षी नेताओं से मुलाकत […]
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर -पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को दे दिया था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया था. उसके बाद से ही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पूरे देश में विपक्षी नेताओं से मुलाकत कर के और समर्थन की मांग कर रहे थे. सीएम केजरीवाल को बहुत सारे दलों ने समर्थन का दावा किया था. इस मामले में सीएम केजरीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से भी मुलाकात करने का समय मांगा था लेकिन अभी तक मुलाकात नहीं हो पाई है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस ने 16 जुलाई को संसदीय रणनीतिसमूह की बैठक बुलाई है. इस बैठक के बाद कांग्रेस अपना रूख साफ कर सकती है. अगर कांग्रेस अध्यादेश का विरोध करने का ऐलान करेगी तभी सीएम केजरीवाल बेंगलुरु में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में शामिल हो सकते है.
कुछ महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में कानून-व्यवस्था, पुलिस और भूमि को छोड़कर सभी सेवाओं का अधिकार दिल्ली सरकार को सौंप दिया था. उसी के बाद केंद्र सरकार अध्यादेश लेकर आ गई थी. इसी अध्यादेश का विरोध आम आदमी पार्टी कर रही है और कह रही है कि बीजेपी सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भी नहीं मान रही है.
विपक्षी दलों की पहली बैठक बिहार की राजधानी पटना में आयोजित की गई थी. इस बैठक में 15 विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए थे और बीजेपी को हराने की रणनीति पर चर्चा हुई थी. सीएम केजरीवाल ने इस बैठक में अध्यादेश का मुद्दा उठाया था और कहा था कि जल्द से जल्द कांग्रेस अपना रूख साफ करे. बता दें कि विपक्षी दलों की अगली बैठक कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में 13-14 को प्रस्तावित है. कांग्रेस के नेता और सांसद राघव चड्ढा ने बताया कि इस बैठक में शामिल होने के लिए कांग्रेस की तरफ से हमें न्योता मिला है.
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