लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सरकार राज्य की कानून व्यवस्था सुधारने के लिए तमाम बदलाव कर रही है. प्रदेश में अब योगी सरकार ने गाजियाबाद, प्रयागराज और आगरा में कमिश्नर सिस्टम लागू करने की हिदायत दी है. बता दें, इस मामले में शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक की गई थी. जिसके बाद इस मामले में हरी […]
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सरकार राज्य की कानून व्यवस्था सुधारने के लिए तमाम बदलाव कर रही है. प्रदेश में अब योगी सरकार ने गाजियाबाद, प्रयागराज और आगरा में कमिश्नर सिस्टम लागू करने की हिदायत दी है. बता दें, इस मामले में शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक की गई थी. जिसके बाद इस मामले में हरी झंडी दे दी गई है.
मालूम हो कि इससे पहले लखनऊ समेत नोएडा में पुलिस कमिश्नर सिस्टम को लागू किया गया था. प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सुजीत पांडे को पहला पुलिस कमिश्नर बनाया गया था. वहीं यूपी के नोएडा में आलोक सिंह को पहला पुलिस कमिश्नर ओहदा सौंपा गया था. 26 मार्च 2021, को उत्तर प्रदेश को कानपुर और वाराणसी में भी कमिश्नर सिस्टम लागू किया गया था.
कैबिनेट की तरफ से इस फैसले को मंजूरी दे दी गई है. नए फैसले के लागू होते ही उत्तर प्रदेश के उन शहरों की तादाद 7 हो जाएगी जहां पर पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू किया गया है. आइये आपको इससे जुड़े तमाम सवालों का जवाब देते हैं:
कमिश्नर सिस्टम क्या है और इससे क्या बदलाव होंगे… 5 बिंदुओं में समझें
अमूमन किसी शहर में आपातकालीन की स्थिति में पुलिस के अधिकारी पास कोई बड़ा फैसला लेने का अधिकार नहीं होता है. पुलिस अधिकारी, DM यानी जिलाधिकारी, मंडलायुक्त और शासन से जारी होने वाले निर्देशों के अधीन होते हैं. इनके निर्दशानुसार ही पुलिस काम करती है. लेकिन अब नया कमिश्नर सिस्टम के तहत पुलिस कमिश्नर के पास स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने के अधिकारों में इजाफा हो जाएगा। खबर है कि देश के तमाम शहरों में इस सिस्टम को लागू किया गया है.
इस सिस्टम के लागू होने के बाद DCP और ACP को मजिस्ट्रेट के भी अधिकार मुहैया हो जाएंगे। साथ ही इस सिस्टम के तहत पुलिस कमिश्नर को CRPC के तमाम अधिकार भी मिल जाएंगे. गौरतलब है कि लाठी-चार्ज और फायरिंग देने के अधिकार के अलावा पुलिस कमिश्नर के पास मजिस्ट्रेट के तमाम न्यायालयी अधिकार भी आ जाएंगे. बता दें, गुंडा एक्ट, गैंगस्टर आदि के मामलात में मंजूरी के लिए अब पुलिस को डीएम के फैसले का इंतजार नहीं करना होगा.
नया कमिश्नर सिस्टम लागू होने के तहत होटल के लिए जारी होने वाले लाइसेंस से लेकर बार लाइसेंस और शस्त्र लाइसेंस का अधिकार भी पुलिस कमिश्नर को मिल जाता है. साथ ही समारोह, त्यौहार व धरना प्रदर्शन की इजाजत व किसी खास इलाके में पुलिस बल की तादाद तय करने का अधिकार भी पुलिस के पास रहेगा.
भारत में कमिश्नर सिस्टम को तेजी से लागू करने के पीछे की वजह अपराध के बढ़ते दायरे को रोकना है. शहरों में कानून व्यवस्था में बेहतरी और अपराधों को रोकने लिए नए कमिश्नर सिस्टम को लागू किया जा रहा है.
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उत्तर समेत तमाम राज्यों में कमिश्नर सिस्टम लागू है. शहरों व महानगरों में करीब 70 से अधिक जगहोंं पर या कमिश्नर सिस्टम लागू है.