तमिलनाडु में बीजेपी एआईडीएएमके की सहयोगी रही है. जयललिता के बाद एआईएडीएमके में दरार पड़ चुकी है. डीएमके को 2जी घोटाले के फैसले ने बड़ी राहत दी है. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री की पिछले महीने करुणानिधि से की गई मुलाकात दक्षिण में डीएमके के लिए एनडीए में शामिल होने का रास्ता खोल सकती है.
नई दिल्ली. गुजरात चुनाव के नतीजे आने के तुरंत बाद ही कांग्रेस को 2जी केस में आए फैसले से बड़ी राहत मिली है. सीबीआई की विशेष अदालत का फैसला आने के बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर यूपीए के खिलाफ दुष्प्रचार के आरोप लगाये थे. इस मामले में डीएमके नेताओं को जेल हुई थी. लेकिन अब राजनीतिक गलियारों में अटकलें लगाई जा रही हैं कि बीजेपी डीएमके से हाथ मिला सकती है. 2जी केस में ए राजा, कनिमोझी आदि दिग्गज बरी हो गए हैं. पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि से मुलाकात ने सियासी गलियारों में चर्चाओं का माहौल गर्म कर दिया है. पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीएमके चीफ एम करुणानिधि से मुलाकात की थी. इस मुलाकात ने राजनीतिक विश्लेषकों को भी हैरत में डाल दिया था. पीएम की मुलाकात के महीने भर बाद ही सीबीआई की विशेष अदालत ने 2जी केस में सभी आरोपियों को क्लीन चिट दे दी. इस केस में करुणानिधि की बेटी कनिमोझी भी आरोपी थीं.
विपक्ष में रहते हुए बीजेपी ने 2जी घोटाले को लेकर कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाया था. तमिलनाडु में बीजेपी को एआईएडीएमके का करीबी माना जाता है जोकि डीएमके की धुर विरोधी पार्टी है. डीएमके केंद्र सरकार की नीतियों की कट्टर आलोचक रही है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डीएमके प्रमुख करुणानिधि की मुलाकात ने राजनीतिक विश्लेषकों को भी हैरत में डाल दिया था. पीएम मोदी ने सिर्फ करुणानिधि से मुलाकात ही नहीं की थी, बल्कि उन्हें दिल्ली में अपने आवास पर आने का न्योता भी दिया था. 2019 के आम चुनाव से पहले दक्षिण भारत में नए सहयोगियों की तलाश में बीजेपी आम चुनाव की रणनीति के तहत डीएमके से हाथ मिला सकती है.
यूपीए 1 की सरकार में 2004 से 2009 तक डीएमके मुख्य साझेदार थी. ए राजा यूपीए 2 में 2013 तक दूरसंचार मंत्री भी रहे थे. 2जी घोटाला मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट से बरी होने के बाद पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा ने बिना किसी का नाम लिए एनडीए पर निशाना साधा था. ए राजा ने शुक्रवार को यह दावा कि किया था कि उस वक्त यूपीए सरकार को गिराने की साजिश रची गई थी. उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि तत्कालीन केंद्र सरकार इसे भांप नहीं सकी.
जयललिता की मौत के बाद से एआईएडीएमके में फूट पड़ चुकी है. माना जा रहा है कि ऐसे में बीजेपी डीएमके को साथ लेकर दक्षिण भारत की राजनीति में एक कदम आगे बढ़ाने पर विचार कर सकती है. हालांकि, बीजेपी 2जी मामले में कोर्ट के फैसले को तमिलनाडु की राजनीति से नहीं जोड़ने पर फोकस करती दिख रही है. बीजेपी के चीफ मीडिया को-ऑर्डिनेटर अनिल बलूनी ने कहा, ‘पीएम मोदी की करुणानिधि से महज औपचारिक मुलाकात थी क्योंकि करुणानिधि की तबीयत ठीक नहीं है. 2जी पर कोर्ट के फैसले के बाद डीएमके से गठबंधन की अटकलें निराधार हैं.