नई दिल्ली: कोलकाता में प्रशिक्षु डॉक्टरों के साथ हुई रेप और मर्डर की घटना को लेकर देशभर के डॉक्टर गुस्से में हैं। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इतना ही नहीं, कोलकाता के आरजी कर अस्पताल समेत दिल्ली, यूपी, एमपी और महाराष्ट्र के कई अस्पतालों ने अनिश्चितकाल तक हड़ताल का घोषणा […]
नई दिल्ली: कोलकाता में प्रशिक्षु डॉक्टरों के साथ हुई रेप और मर्डर की घटना को लेकर देशभर के डॉक्टर गुस्से में हैं। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इतना ही नहीं, कोलकाता के आरजी कर अस्पताल समेत दिल्ली, यूपी, एमपी और महाराष्ट्र के कई अस्पतालों ने अनिश्चितकाल तक हड़ताल का घोषणा कर दी है, जिसके चलते ओपीडी सेवाएं बंद कर दी गई है।
फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) के अनुसार, अनिश्चितकालीन हड़ताल के दौरान आपातकालीन सेवाएं सामान्य रूप से चालू रहेंगी।
दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, वीएमएमसी और सफदरजंग अस्पताल, दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल, गुरु तेग बहादुर अस्पताल, मानव व्यवहार एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान (आईएचबीएएस), डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर मेडिकल कॉलेज और राष्ट्रीय क्षय रोग एवं श्वसन रोग संस्थान के डॉक्टर भी इस हड़ताल में शामिल हुए।
यूपी में सोमवार (12 अगस्त) को चार हजार रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर रहे। डॉक्टरों की हड़ताल का असर लखनऊ के एसजीपीजीआई, लोहिया संस्थान और केजीएमयू समेत अन्य शहरों के अस्पतालों में भी देखने को मिला। यह हड़ताल आगे भी जारी रहने की संभावना है।
मध्य प्रदेश के भोपाल-इंदौर समेत कई शहरों में हड़ताल के तहत डॉक्टरों ने रूटीन काम बंद रखा। वहीं, इंदौर में मृतक के लिए एमवाय अस्पताल से एमजीएम मेडिकल कॉलेज तक कैंडल मार्च निकाला गया। यहां भी हड़ताल 14 अगस्त को जारी रह सकती है।
महाराष्ट्र के रेजिडेंट डॉक्टरों ने मंगलवार (13 अगस्त) से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है। सेंट्रल एमएआरडी (महाराष्ट्र स्टेट एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स) ने एक बयान में कहा, “मंगलवार से पूरे महाराष्ट्र के अस्पतालों में सभी वैकल्पिक सेवाएं बंद कर दी जाएंगी। सभी आपातकालीन सेवाएं सामान्य रूप से जारी रहेंगी।”
फोर्डा के महासचिव डॉ. सर्वेश पांडे ने कहा, “हमने स्वास्थ्य सचिव के समक्ष अपनी मांगें रखीं, जिनमें आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को तत्काल हटाना, सीबीआई से जांच, मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई और केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम को लागू करने के लिए एक समिति का गठन शामिल है।”