AIIMS को क्यों दान किया गया सीताराम येचुरी का शरीर, परिवार ने बताई ये वजह

भारतीय राजनीति के प्रमुख नेता और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई-एम) के पूर्व महासचिव सीताराम येचुरी का 12 सितंबर 2024 को दिल्ली

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AIIMS को क्यों दान किया गया सीताराम येचुरी का शरीर, परिवार ने बताई ये वजह

Anjali Singh

  • September 12, 2024 8:30 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

नई दिल्ली: भारतीय राजनीति के प्रमुख नेता और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई-एम) के पूर्व महासचिव सीताराम येचुरी का 12 सितंबर 2024 को दिल्ली के AIIMS अस्पताल में निधन हो गया। वह 72 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। उन्हें 19 अगस्त को निमोनिया के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

परिवार ने क्यों किया शरीर दान?

सीताराम येचुरी के निधन के बाद उनके परिवार ने उनका शरीर AIIMS, नई दिल्ली को शिक्षा और अनुसंधान के उद्देश्यों के लिए दान कर दिया। परिवार का कहना है कि यह निर्णय उन्होंने येचुरी की विरासत को उनके राजनीतिक योगदान से भी आगे ले जाने के लिए किया है। येचुरी का मानना था कि उनके शरीर का उपयोग लोगों की भलाई के लिए होना चाहिए, और यह दान उसी विचारधारा का प्रतीक है।

येचुरी की बीमारी और राजनीतिक सफर

सीताराम येचुरी ने अपने जीवन में कई स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना किया। उन्हें टाइप 2 डायबिटीज़ और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियां थीं, लेकिन इन सबके बावजूद उन्होंने अपने काम के प्रति पूरी प्रतिबद्धता बनाए रखी। अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1970 के दशक में करने वाले येचुरी 2015 में सीपीआई-एम के महासचिव बने और देश के सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर प्रभावशाली तरीके से काम किया।

शरीर दान: एक महान कदम

शरीर दान एक महान कार्य है जो चिकित्सा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देता है। दान किए गए शरीर का उपयोग मेडिकल छात्र और पेशेवर मानव शरीर की संरचना का अध्ययन करने, नई सर्जिकल तकनीकों का अभ्यास करने और बीमारियों के नए उपचार विकसित करने के लिए करते हैं। येचुरी के इस निर्णय से उनकी सोच की महानता का पता चलता है।

राजनीतिक जगत में शोक

सीताराम येचुरी के निधन पर पूरे देश में शोक की लहर है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि वे भारत के विचार के सच्चे रक्षक थे।

सीताराम येचुरी का शरीर दान एक निस्वार्थ कार्य है जो उनकी महान सोच और समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उनके योगदान और इस निर्णय से वे हमेशा याद किए जाएंगे।

 

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