नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर विभिन्न दलों के बीच सियासी घमासान के बीच देशभर से हजारों सरकारी कर्मचारी दिल्ली के रामलीला मैदान में जुटे, लेकिन यह मुद्दा इन दिनों कम सुर्खियों में है। दरअसल, पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली की मांग को लेकर हजारों की संख्या में केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी […]
नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर विभिन्न दलों के बीच सियासी घमासान के बीच देशभर से हजारों सरकारी कर्मचारी दिल्ली के रामलीला मैदान में जुटे, लेकिन यह मुद्दा इन दिनों कम सुर्खियों में है। दरअसल, पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली की मांग को लेकर हजारों की संख्या में केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी यहां के रामलीला मैदान में इकट्ठा हुए। कई विपक्षी दलों ने प्रदर्शनकारियों के प्रति समर्थन जताया।
सरकारी कर्मचारियों की के साथ आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस सहयोगी अरविंदर सिंह राबड़ी, संजय सिंह और दीप दीक्षित और बहुजन सांसद उदित राज और श्याम समाज पार्टी शामिल थे। इस प्रदर्शन में किसान नेता राकेश टिकैत भी शामिल हुए। विपक्षी नेताओं ने खुलकर कर्मचारियों की मांगों का समर्थन किया है।
दिल्ली के रामलीला मैदान में चल रहे पुरानी पेंशन शंखनाद महारैली कार्यक्रम में नई पेंशन योजना का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे सेवानिवृत्ति के बाद अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग को लेकर ज्वाइंट फोरम फॉर रिस्टोरेशन ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम और नेशनल ज्वाइंट एक्शन काउंसिल के बैनर तले इस मेगा रैली का आयोजन करेंगे। ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा, ‘1 जनवरी 2004 के बाद सरकारी सेवा में आए कर्मचारी नई पेंशन योजना के सख्त विरोध में हैं.’ पुरानी पेंशन व्यवस्था से वंचित कर नई पेंशन व्यवस्था में शामिल होने को मजबूर किया गया।
महा मार्च के आयोजकों ने दावा किया कि मार्च में 20 राज्यों के सरकारी कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों ने एक ऐसी पार्टी के सरकार के गठन का आह्वान किया जो 2024 के लोकसभा चुनावों में पुरानी पेंशन प्रणाली को सत्ता में बहाल करने का वादा करे। तख्तियां और झंडे लेकर प्रदर्शनकारियों ने “इंकलाब जिंदाबाद” के नारे लगाए। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन सिस्टम (एनएमओपीएस) के अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने बताया, “हम पुरानी पेंशन प्रणाली (ओपीएस) की बहाली की मांग कर रहे हैं, लेकिन हमने अपनी लड़ाई में कई लोगों की जान गंवाई है।”