नई दिल्ली: इस समय देश की संसद में महिला आरक्षण बिल को लेकर बवाल देखने को मिल रहा है. कच्चे-पक्के मन के साथ विपक्ष ने इस बिल पर अपनी सहमति तो जता दी है लेकिन कुछ शर्तों और नियमों की मांग भी कर दी है. इस बीच AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने महिला आरक्षण बिल […]
नई दिल्ली: इस समय देश की संसद में महिला आरक्षण बिल को लेकर बवाल देखने को मिल रहा है. कच्चे-पक्के मन के साथ विपक्ष ने इस बिल पर अपनी सहमति तो जता दी है लेकिन कुछ शर्तों और नियमों की मांग भी कर दी है. इस बीच AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने महिला आरक्षण बिल का विरोध किया है. उन्होंने लोकसभा में बिल का विरोध करते हुए इसमें मुस्लिम महिलाओं को आरक्षण ना देने पर सवाल किया है.
महिला आरक्षण बिल का विरोध करते हुए AIMIM चीफ असुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार से सवाल किया है कि इस बिल में आखिर OBC और मुस्लिम महिलाओं को आरक्षण क्यों नहीं दिया गया है? उन्होंने इस दौरान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर भी पलटवार किया और कहा कि यदि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता है तो 1950 प्रेसिडेंसिल ऑर्डर क्या है? वह आगे कहते हैं कि केन्द्र में बैठी सरकार पिछड़ों और दबे-कुचलों को आगे बढ़ने से रोकना चाहती है. लोकसभा में सरकार केवल बड़े लोगों को आगे लाना चाहती है. आखिर में वह कहते हैं कि ये बिल मुस्लिम प्रतिनिधित्व को रोक देगा.
दरअसल आज सपा सांसद डिंपल यादव ने मांग की थी कि पिछड़े वर्ग और मुस्लिम महिलाओं को भी महिला आरक्षण बिल में आरक्षण दिया जाए. उनकी इस मांग पर जवाब देते हुए स्मृति ईरानी ने कहा है कि जो लोग महिला आरक्षण बिल में अल्पसंख्यकों के आरक्षण की मांग कर रहे हैं उन्हें बताना चाहती हूं की संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण देने का प्रावधान नहीं दिया गया है.
बता दें, भाजपा ने महिला आरक्षण विधेयक में SC और ST महिलाओं के लिए कोटा फिक्स कर दिया है लेकिन ओबीसी महिलाओं को आरक्षण नहीं मिला. इस बात का फायदा उठाते हुए कांग्रेस से लेकर, समाजवादी पार्टी, RJD, बसपा जदयू समेत तमाम दल मोदी सरकार को घेर रहे हैं. ओबीसी समाज की महिलाओं को भी इस बिल में अलग कोटा दिए जाने की मांग तेज है. विपक्ष से लेकर भाजपा के ओबीसी नेताओं और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भार्ती तक ने इसपर अपनी नाराज़गी जता दी है. ऐसे में भाजपा का दांव कहीं उसपर ही उल्टा ना पड़ जाए.