नई दिल्ली: देशभर में मानसून ने दस्तक दे दी है. हर जगह बरसात हो रही है, जहां भीषण गर्मी थी वहां पर बारिश की बूंदों से राहत है, लेकिन कई ऐसे इलाके है जहां पर बारिश का कहर शुरू हो गया है.
नई दिल्ली: देशभर में मानसून ने दस्तक दे दी है. हर जगह बरसात हो रही है, जहां भीषण गर्मी थी वहां पर बारिश की बूंदों से राहत है, लेकिन कई ऐसे इलाके है जहां पर बारिश का कहर शुरू हो गया है. बारिश और बाढ़ की चपेट में हिंदुस्तान के कई राज्य हैं. उत्तराखंड, हिमाचल, असम, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, दिल्ली मानसूनी बारिश में डूबे हैं. इस बार भी राजस्थान में बारिश आफत बनकर टूटी है. देश में हर साल बारिश और बाढ़ से करीब 7 करोड़ लोग प्रभावित होते हैं. पिछले 65 सालों से हर साल औसतन बाढ़ में 2130 लोग और एक लाख 20 हजार जानवर मारे जाते हैं. जबकि 82.08 लाख हेक्टेएयर खेती बर्बाद होती है. इन सबके बीच ITV ने एक सर्वे किया है, जिसमें चार सवाल पूछे गए, जिनका परिणाम चौंकाने वाला है.
Q. बाढ़-बारिश के दौरान क्या सरकार और सिस्टम आपको हर बार फेल नज़र आता है?
हाँ- 68.00%
नहीं- 31.00%
कह नहीं सकते- 1.00%
Q. बाढ़ ग्रस्त इलाक़ों के लोगों की सबसे बड़ी मुसीबत क्या है?
जान-माल का नुकसान- 30.00%
फसलों की तबाही- 17.00%
रोज़ी-रोटी का संकट- 44.00%
मवेशियों के चारे का संकट- 7.00%
कह नहीं सकते- 2.00%
Q. बाढ़ग्रस्त इलाक़ों से लोगों के पलायन का क़सूरवार किसे मानते हैं?
राज्य सरकार- 29.00%
प्रशासनिक अधिकारी- 11.00%
योजनाओं में भ्रष्टाचार- 20.00%
इनमें से सभी- 34.00%
कह नहीं सकते- 6.00%
Q. मानसून के दिनों में सबसे ज़्यादा परेशानी किन इलाक़ों के लोगों को होती है?
बड़े शहर में जल-जमाव-4.00%
नदी किनारे डूबे इलाक़े- 31.00%
पहाड़ों पर भूस्खलन- 12.00%
सभी को परेशानी- 51.00%
कह नहीं सकते- 2.00%