18 अगस्त 1945 को विमान दुर्घटना में हुई भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पुष्टि नहीं हुई है. बावजूद इसके राजनीतिक पार्टियां और कई नेता आज उनकी पुण्यतिथि को लेकर ट्वीट कर रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि कैसी पुण्यतिथि मना रहे हैं हमारे नेता.
नई दिल्ली. भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत की गुत्थी आज तक सुलझी नहीं है. कहा जाता है कि उनका प्लेन आज ही के दिन यानी 18 अगस्त 1945 को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. कई लोग मानते हैं कि प्लेन हादसे में ही उनकी मौत हो गई थी. जबकि कुछ का कहना है कि वह इसमें बच गए थे और फैजाबाद में ‘गुमनाम बाबा’ बनकर काफी वक्त तक रहे थे.
लेकिन कांग्रेस ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से उनकी ‘पुण्यतिथि’ पर कई पोस्ट किए हैं. कांग्रेस, गुजरात कांग्रेस और यूथ कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल के अलावा हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक तंवर ने भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पुण्यतिथि से जुड़ा ट्वीट किया है. यहां पेच यह है कि सरकार की ओर से कभी भी 18 अगस्त को सुभाष चंद बोस की पुण्यतिथि मनाने का एेलान नहीं किया गया. एेसे में अगर कांग्रेस की ओर से ट्वीट किया जा रहा है तो वह किस आधार पर है.
We remember #SubhasChandraBose, President of the Indian National Congress, who later revived the Indian National Army. He is rightly remembered as one of the giants of the Indian Independence movement. pic.twitter.com/XsBZjjRZlR
— Congress (@INCIndia) August 18, 2018
"अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना सबसे बड़ा अपराध है.”- सुभाष चन्द्र बोस।
नेताजी को पुण्यतिथि पर सत सत नमन। #SubhasChandraBose pic.twitter.com/pVCoLGaLnS
— Gujarat Congress (@INCGujarat) August 18, 2018
कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, आज़ाद हिंद फौज के संस्थापक, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी #नेताजी_सुभाषचंद्र_बोस जी की पुण्यतिथि पर शत शत नमन। #SubhasChandraBose pic.twitter.com/Fa0Hj61KHF
— Ashok Tanwar (@Tanwar_Indian) August 18, 2018
https://twitter.com/IYC/status/1030728175913861120
लोग ‘गुमनामी बाबा’ को सुभाष चंद्र बोस इसलिए भी मानते हैं क्योंकि 1985 में जब उनकी मौत हुई तो उनके पास मिला सामान देखकर हर कोई दंग रह गया. क्योंकि उनके पास महंगी शराब, सिगरेट, अखबार, पत्रिकाएं के अलावा नेताजी की निजी तस्वीरें भी मिलीं जिससे कयास लगाए गए कि वही सुभाष चंद्र बोस थे.
आजाद हिंद फौज की यूनीफॉर्म, रॉलेक्स की घड़ी, 1974 में आनंद बाजार पत्रिका में छपी 24 किस्तों वाली ‘विमान दुर्घटना की कहानी’, शाहनवाज और खोसला आयोग की रिपोर्ट ये सब कुछ भी गुमनामी बाबा के पास से मिला था. कहा जाता है कि वे अंग्रेजी, बांग्ला और जर्मन फर्राटे से बोलना जानते थे.
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