नई दिल्ली : टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत का कार एक्सीडेंट पूरे देश के लिए चिंता बना हुआ है. उनकी सेहत से टीम इंडिया को भी गहरा सदमा पहुंचा है. दरअसल शुक्रवार(30 दिसंबर) उत्तराखंड में पंत की मर्सिडीज कार एक डिवाइडर से टकरा गई. इस दौरान पंत गंभीर रूप से घायल हो गए […]
नई दिल्ली : टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत का कार एक्सीडेंट पूरे देश के लिए चिंता बना हुआ है. उनकी सेहत से टीम इंडिया को भी गहरा सदमा पहुंचा है. दरअसल शुक्रवार(30 दिसंबर) उत्तराखंड में पंत की मर्सिडीज कार एक डिवाइडर से टकरा गई. इस दौरान पंत गंभीर रूप से घायल हो गए और उनकी गाड़ी में आग लग गई. किसी तरह उन्हें गाड़ी से निकालकर अस्पताल भर्ती करवाया गया है.
जिस एम्बुलेंस में ऋषभ पंत को ले जाया जा रहा था उसमें सवार फार्मासिस्ट मोनू कुमार ने एक मीडिया चैनल से बातचीत में इस बात का खुलासा किया है. मोनू ने बताया कि शुक्रवार तड़के 5:40 के करीब जब एंबुलेंस घटनास्थल पर पहुंची तो वहां से गुजर रहा एक बस ड्राइवर ऋषभ को गाड़ी से बाहर निकाल रहा था. यह गाड़ी बुरी तरह से जल रही थी. ऋषभ को तुरंत स्ट्रेचर पर लिटाया और एंबुलेंस में रखा. इस बीच ऋषभ को आंख पर भी चोट लगी थी और उनकी नाक से खून बह रहा था, उनकी पीठ छिल गई थी और पैर भी चोटिल थे. इसके बाद ऋषभ ने अपनी पहचान बताते हुए कहा कि वह भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी ऋषभ पंत हैं.
ऋषभ ने आगे फार्मासिस्ट से कहा कि उन्हें बहुत दर्द हो रहा है, पहले कोई दर्द का इंजेक्शन दे दिया जाए इसके बाद मोनू ने उन्हें 108 से परमिशन लेकर दर्द का इंजेक्शन दिया. इसके बाद ऋषभ ने मोनू से उन्हें किसी अच्छे प्राइवेट अस्पताल लेकर जाने के लिए कहा. जहां मोनू कुमार उन्हें रूड़की के सक्षम अस्पताल ले गए इसकी दूरी 10-12 किलोमीटर दूर था.
इसके बाद ऋषभ पंत ने फार्मासिस्ट से बताया कि उन्हें कुछ याद नहीं है उनकी आंख लगी, फिर बाद में वह आग से घिरी हुई गाड़ी को देख रहे थे. वहीं, जब ऋषभ से पूछा गया कि वह अपनी कार खुद क्यों ड्राइव कर रहे थे? तो इस पर ऋषभ ने बताया कि उन्हें अकेले ड्राइव करने का कभी मौका नहीं मिल पाता था क्योंकि उनके पास टाइम नहीं रहता इसलिए आज उन्होंने मौका देखते हुए खुद ड्राइव किया।
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