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बनना चाहते थे वैज्ञानिक बन गए आर्किटेक्ट, कौन हैं सेंट्रल विस्टा डिज़ाइन करने वाले बिमल पटेल?

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का उद्घाटन करने वाले हैं. 14000 करोड़ वाले इस सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को अहमदाबाद के फेमस आर्किटेक्ट डॉ बिमल पटेल ने डिजाइन किया है, बता दें इससे पहले भी उन्होंने कई अहम प्रोजेक्ट्स पर काम किया है. उन्होंने कई इमारतों के डिजाइन तैयार किए हैं […]

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Central Vista project
  • September 8, 2022 11:19 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का उद्घाटन करने वाले हैं. 14000 करोड़ वाले इस सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को अहमदाबाद के फेमस आर्किटेक्ट डॉ बिमल पटेल ने डिजाइन किया है, बता दें इससे पहले भी उन्होंने कई अहम प्रोजेक्ट्स पर काम किया है. उन्होंने कई इमारतों के डिजाइन तैयार किए हैं लेकिन ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि डॉ पटेल की चाहत साइंटिस्ट (भौतिक वैज्ञानिक) बनने की थी लेकिन वह आर्किटेक्ट बन गए.

विमल के पिता हसमुख पटेल भी एक फेमस आर्किटेक्ट थे तो ये कहा जा सकता है कि आर्किटेक्ट का काम डॉ विमल को विरासत में मिला है, वहीं बचपन में विमल रोज अपने पिता के साथ डिजाइन कार्यलय जाया करते थे लेकिन यहाँ भौतिकी थी जिसने उन्हें सबसे ज्यादा आकर्षित किया. दरअसल, डॉ पटेल अपने पिता के साथ लगातार विक्रम साराभाई कम्युनिटी साइंस सेंटर जाते थे और यहीं से उनमें साइंटिस्ट बनने की चाहत जाग गई थी लेकिन किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था.

आगा खान पुरस्कार से सम्मानित

अहमदाबाद के सेंट ज़ेवियर्स स्कूल से पढ़ाई करने के बाद डॉ विमल ने आर्किटेक्ट को अपना प्रोफेशन बना लिया और इसी में आगे बढ़ते गए. साल 1984 में उन्होंने सीईपीटी से आर्किटेक्ट में स्नातक किया और इसके बाद वो विदेश चले गए जहां उन्होंने इस मास्टर ऑफ आर्किटेक्ट की डिग्री ली. इसके बाद इसी विषय में पीएचडी भी की. डॉ बिमल ये सब करने के बाद अपने पिता के साथ काम में लग गए, इसके बाद साल 1990 में उन्होंने आधिकारिक तौर पर अपने पिता के साथ काम करना शुरू कर दिया. उन्होंने अहमदाबाद में द एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट के लिए डिजाइन तैयार किया और फिर इसके दो साल बाद 1992 में उन्हें आर्किटेक्ट के आगा खान पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

कई ख़ास प्रोजेक्ट पर किया काम

इसके बाद डॉ बिमल ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा, वह लगातार इस क्षेत्र में आगे बढ़ते गए. उनकी खास डिजाइन में अहमदाबाद का रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट, राजकोट रेसकोर्स री-डवलपमेंट, कांकरिया का री-डवलपमेंट, आरबीआई अहमदाबाद, गुजरात हाईकोर्ट, आईआईटी जोधपुर, आईआईएम अहमदाबाद जैसी कई इमारतें शामिल हैं. इसके अलावा साबरमती रिवरफ्रंट और काशी विश्वनाथ धाम प्रोजेक्ट के डिजाइन को भी उन्होंने ही तैयार किया है और डॉक्टर पटेल को कई पुरस्कारों से नवाजा भी गया है. आगा खान अवार्ड फॉर आर्किटेक्चर के अलावा उन्हें 1998 में यूएन सेंटर फॉर ह्यूमन सेटलमेंट्स अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस से सम्मानित किया गया है, साथ ही साल 2001 में डॉ विमल को वर्ल्ड आर्किटेक्चर अवार्ड से नवाजा गया.

 

 

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