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जोशीमठ में किसलिए पड़ रही दरार? सामने आई ये बड़ी वजह

चमोली : उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने से इस समय हजारों की तादाद में घर बर्बादी की कगार पर हैं. यह लोग लगातार सरकार से अपना आशियाना बचाने की गुहार लगा रहे हैं. सरकारें भी लगातार इस मामले को लेकर एक्टिव है. राज्य सरकार से लेकर पीएमओ तक इस मुद्दे पर आशियाने बचाने से […]

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जोशीमठ में किसलिए पड़ रही दरार? सामने आई ये बड़ी वजह
  • January 8, 2023 8:54 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

चमोली : उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने से इस समय हजारों की तादाद में घर बर्बादी की कगार पर हैं. यह लोग लगातार सरकार से अपना आशियाना बचाने की गुहार लगा रहे हैं. सरकारें भी लगातार इस मामले को लेकर एक्टिव है. राज्य सरकार से लेकर पीएमओ तक इस मुद्दे पर आशियाने बचाने से लेकर और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हाई लेवल मीटिंग कर चुकी है. दरार की वजह से बेघर होने जा रहे सैकड़ों लोगों को घरों को खाली करने का निर्देश दिए गए हैं. चमोली प्रशासन इन घरों पर लाल निशान लगा रहे हैं जिन्हें इस दरार से सबसे ज़्यादा ख़तरा है. अधिकारी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मना रहे हैं.

इसलिए धंसने लगा जोशीमठ

विशेषज्ञ लगातार जमीन के धंसने और उससे पानी निकलने के कारणों का अध्ययन कर रहे हैं. इसी बीच वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के भूवैज्ञानिक डॉक्टर मनीष मेहता ने वाटर केमिस्ट्री स्टडी करने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि यहां पर जीपीएस मोशन सेंसर लगाने चाहिये जो मूवमेंट को रोकें।

इससे ध्वनि का पता चल पाएगा जो बहुत जरूरी है. वाटर केमिस्ट्री से पता चल पाएगा कि पानी कहां से आ रहा है, साल 2021 का मलबा इसकी वजह है या अंदर कोई बड़ी कैविटी बन रही है. गौरतलब है कि इस जगह को 11 वीं और 12वीं सदी में बसाया गया था. ये जगह 2 ड्रेनेज के बीच बसी हुई है. जानकारों की मानें तो loose unconsolidated material पर बना हुआ है ये जगह एक समय में ग्लेशियर थी जो अब धीरे-धीरे दरक रही है.

सेना को अलर्ट मोड पर रखा गया है

बता दें कि जोशीमठ समेत दूसरे इलाकों में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। ऐसे में इंडियन आर्मी को अलर्ट मोड पर रखा गया है। गढ़वाल के कमिश्नर सुशील कुमार सिंह ने बताया है कि प्रशासन लगातार सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संपर्क में है।

इसरो से ली जाएंगी सैटेलाइट तस्वीरें

जोशीमठ में पैदा संकट को लेकर प्रशासन ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) से मदद मांगी गई है। इसरो जोशीमठ की सैटेलाइट तस्वीर लेगा। इसके साथ ही पिछले चार महीनों की तस्वीरों के जरिए ये समझा जाएगा कि आखिर ऐसे हालात क्यों बन रहे हैं? बताया जा रहा है कि दो-तीन दिनों में इसरो की ओर से ये तस्वीरें सामने आ सकती हैं।

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