Advertisement

लव जिहाद पर कानून बनाने के पक्ष में में क्यों है महाराष्ट्र सरकार ? जानिए वजह

मुंबई: महाराष्ट्र सरकार लव जिहाद पर कानून बनाने की कोशिश कर रही है। सरकार ने साफ कहा है कि लव जिहाद पर अंतिम फैसला दूसरे राज्यों के विधेयकों और कानूनों का अध्ययन करने के बाद किया जाएगा. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी जोर देकर ये भी कहा कि अंतर्धार्मिक विवाह का कोई विरोध […]

Advertisement
लव जिहाद पर कानून बनाने के पक्ष में में क्यों है महाराष्ट्र सरकार ? जानिए वजह
  • December 23, 2022 8:12 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

मुंबई: महाराष्ट्र सरकार लव जिहाद पर कानून बनाने की कोशिश कर रही है। सरकार ने साफ कहा है कि लव जिहाद पर अंतिम फैसला दूसरे राज्यों के विधेयकों और कानूनों का अध्ययन करने के बाद किया जाएगा. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी जोर देकर ये भी कहा कि अंतर्धार्मिक विवाह का कोई विरोध नहीं होगा। देशभर में यह मुद्दा फिर से गर्म हो गया है। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने भी इस पर अंकुश लगाने के लिए कड़े कानून बनाए हैं। इसलिए महिलाओं की सुरक्षा के लिए महाराष्ट्र भी इसी तर्ज पर कानून बनाने को तैयार है.

लव जिहाद क्या है?

जब एक धर्म विशेष से ताल्लुक रखने वाले दूसरे धर्म की लड़कियों को मोहब्बत में फँसाकर शादी आदि की बुनियाद पर उनका धर्म परिवर्तन कराते हैं तो इसे को लव जिहाद कहा जाता है। इस शब्द को पहले कानूनी रूप से मान्यता नहीं मिली थी। लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि वाकई लव जिहाद है. जिसमें हिंदू लड़कियों को मोहब्बत के जाल में में फँसाकर उनका धर्मांतरण करवाकर युवा मुस्लिम लव जिहाद करते हैं.दरअसल, केरल में हिंदू महिला अखिला अशोकन का भी ऐसा ही मामला सामने आया है. केरल उच्च न्यायालय ने 25 मई को अखिला की शादी को रद्द करने का फैसला सुनाया। उसने दिसंबर 2016 में एक युवा मुस्लिम से शादी रचाई थी। ऐसे कई मामलों की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी केरल सहित देश के कई राज्यों में कर रही है।

रिपोर्ट का बड़ा खुलासा

2009 में लव जिहाद पर केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल की रिपोर्ट ने सभी को हैरान करके रख दिया। जिसमें कहा गया था कि केरल में 4,500 लड़कियों को ‘लव जिहाद’ का निशाना बनाया गया था। जबकि हिंदू जनजागृति समिति ने दावा किया कि अकेले कर्नाटक में 30,000 लड़कियों ने इस्लाम कबूल किया है। 25 जून 2012 को, केरल के तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने विधानसभा को बताया कि 2006 से राज्य में 2,667 महिलाओं ने इस्लाम कबूल किया है। ऐसा किया गया था जिनमें 2,195 हिंदू और 492 ईसाई हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में जबरन धर्मांतरण का कोई सबूत नहीं है। उस समय लव जिहाद की आशंका निराधार थी।

 

यह भी पढ़ें :

 

Delhi Excise Case: बीजेपी बोली- ‘अरविंद केजरीवाल का अहंकार टूटेगा, AAP के पास सवालों का नहीं है जवाब’

मनीष सिसोदिया का दावा! बीजेपी ने मेरे खिलाफ सभी सीबीआई, ईडी मामलों को बंद करने की रखी पेशकश

Advertisement