Hindi Diwas 2022: 14 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस? जानिए इसका इतिहास

नई दिल्ली। आज का दिन हिंदी भाषा बोलने वालो के लिए बहुत ही खास है। 14 सितबंर के दिन को देश मे हर हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज का दिन भारत के युवा पीढ़ी को हिंदी भाषा का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है। 14 सितंबर को ही हिंदी दिवस मनाने के पीछे एक खास वजह है।

इस कारण मनाते हैं हिंदी दिवस

हिंदी भारत में सबसे ज्यादा बोले जानी वाली भाषा है। यह देवनागरी लिपि में लिखी गई इंडो-आर्यन भाषा है। जिसको देश के स्वतंत्र होने के बाद आज ही दिन संविधान सभा द्वारा भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में मान्याता दी थी। हिंदी भारतीय गणराज्य की 22 आधिकारिक भाषाओं में से एक है। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 1953 में हर साल 14 सितबंर को हिंदी दिवस मनाने का फैसला किया।

इतने लोगों की है मातृभाषा

बता दें कि दुनिया भर के 120 मिलियन लोग अपनी दूसरी भाषा के रूप में हिंदी से सहज हैं और 420 मिलियन से अधिक लोग इसे अपनी मातृभाषा के रूप में स्वीकार करते हैं। हिंदी दिवस के उपलक्ष में आज के दिन देश भर में कई सांस्कृतिक उत्सव आयोजित होता है। जिसका उद्देश्य हिंदी साहित्य और भाषा का सम्मान करना है।

यह है हिंदी भाषा का इतिहास

हिंदी एक फारसी शब्द है जिसका इतिहास में प्रयोग सिंधु नदी की भूमि के लिए किया जाता था। इस भाषा में पहली कविता प्रसिध्द कवि अमीर खुसरो ने लिखी। बता दें कि हिंदी भाषा दुनियाभर में चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है, वहीं शुरूआत की तीन सबसे ज्यादा बोली जानी वाली भाषाओं में मंडेरिन, स्पेनिस और अंग्रेजी का नंबर आता है।

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