देश-प्रदेश

इंदिरा गांधी ने सैम मानेक शॉ को वर्दी पहनकर ब्रेकफास्ट पर क्यों बुलाया?

नई दिल्ली. 1971 के युद्ध से पहले पाकिस्तान को भारत का डर था, सो उसने चीन से कुछ मुद्दें सुलझाने में अमेरिका की मदद की. अमेरिका का राष्ट्रपति निक्सन इंदिरा को पसंद नहीं करता था. उसके नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर हेनरी किसिंजर ने भारतीय राजदूत एलके झा को मैसेज दिया कि निक्सन चीन जा रहे हैं, उम्मीद है कि भारत कोई ऐतराज नहीं करेगा. इंदिरा को चीन-पाकिस्तान-अमेरिका की तिगड़ी साफ दिख रही थी. वो फौरन मास्को निकल गईं, सोवियत रूस के राष्ट्रपति से रात दो बजे तक मीटिंग हुई, सुबह उनका बयान आया कि रिफ्यूजी समस्या पूरी दुनियां की समस्या है.

उसके बाद इंदिरा पूरे यूरोप के दौरे पर निकल गईं, जिस देश में जातीं पाकिस्तान के अत्याचारों को लेकर सभी उन्हें सपोर्ट करते. ऐसे में अमेरिका भी गईं, निक्सन और किसिंजर ने उन्हें ऑफर किया कि बॉर्डर पर दोनों तरफ यूएन के प्रतिनिधि तैनात किए जा सकते हैं और याहया खान के साथ मीटिंग भी. तो इंदिरा ने अगले दिन के लिए टाल दिया. अगले दिन निक्सन ने इंदिरा को 45 मिनट का इंतजार करवाया, इंदिरा को मौका मिल गया. पूरी बातचीत में इंदिरा निक्सन से वियतनाम युद्ध और तमाम देश विदेश के मुद्दों पर बात करती रहीं, लेकिन ईस्ट पाकिस्तान के मुद्दे को गोल कर दिया.

बाद में जब किसिंजर इंदिरा से मिलने दिल्ली आया तो इंदिरा ने सैम को फोन करके ब्रेकफास्ट पर आने को कहा, दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस सच्चर साहब ने ये वाकया बयान किया था, कि इंदिरा ने मानेक शॉ को बस ये कहा कि आपको वर्दी में आना है, मानेकशॉ अचकचा गए थे कि ब्रेकफास्ट मीटिंग में यूनीफॉर्म की क्या जरूरत, लेकिन पीएम का आदेश था तो माना. किसिंजर के साथ बातचीत में इंदिरा ने ईस्ट पाकिस्तान में पाकिस्तानी हुक्मरानों के अत्याचारों और शरणार्थियों की समस्या के बारे में कहा लेकिन किसिंजर ने छोटी समस्या बताकर टाल दिया तो इंदिरा ने कहा कि अगर आप मदद नहीं करोगे तो हम कोई और उपाय निकालेंगे तो किसिंजर ने पूछा कि ऐसा कौन सा उपाय है आपके पास? तो इंदिरा ने अपनी उंगली सैम की तरफ उठाई, उपाय ये करेंगे.

किसिंजर समझ गया कि इंदिरा क्या कहना चाहती हैं, सैम को भी वर्दी वाली बात अब समझ आ गई थी.जब जंग खत्म हो गई तो एक वक्त के बाद ये पता चला कि निक्सन किसिंजर के साथ बातचीत में गुस्से में इंदिरा को किसी खास नाम से सम्बोधित करता था, क्या था वो नाम, जानने के लिए देखिए हमारा ये वीडियो शो विष्णु शर्मा के साथ.

जब 1971 की जंग से पहले इंदिरा गांधी से नाराज हुए जेपी, तीन साल बाद शुरू की सम्पूर्ण क्रांति

Aanchal Pandey

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