नई दिल्ली: नेपाल में लगातार हो रही बारिश ने बिहार के कई जिलों को खतरे में डाल दिया है. यहां बाढ़ और बारिश से तबाही मची हुई है. साल 1968 के बाद से नेपाल में इतनी जोरदार बारिश कभी नहीं हुई. नेपाल में 27 सितंबर से ही लगातार बारिश हो रही है. यहां भारी बारिश […]
नई दिल्ली: नेपाल में लगातार हो रही बारिश ने बिहार के कई जिलों को खतरे में डाल दिया है. यहां बाढ़ और बारिश से तबाही मची हुई है. साल 1968 के बाद से नेपाल में इतनी जोरदार बारिश कभी नहीं हुई. नेपाल में 27 सितंबर से ही लगातार बारिश हो रही है. यहां भारी बारिश के कारण रविवार को कोसी बराज वीरपुर से रिकॉर्ड 6,61,295 क्यूसेक पानी छोड़ा गया.
1. बिहार में कोसी, बूढ़ी गंडक, गंडक बागमती, कमला बलान और महानंदा और गंगा जैसी नदियां उफान पर हैं. इन नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है.
2. कोसी बराज वीरपुर से रिकॉर्ड पानी छोड़े जाने से 13 जिलों के 16.28 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं.
3. बाढ़ की चपेट में बिहार के 13 जिले प्रभावित पटना, समस्तीपुर, मुंगेर, भागलपुर, समेत गंगा के किनारे बसे करीब 13 जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति है.
4. नेपाल में बाढ़, बारिश और भूस्खलन के कारण 148 लोगों की मौत हो गई, 55 लोग लापता हो गए और 101 लोग जलभराव के कारण घायल हो गए.
5. सड़क जाम होने के कारण हजारों यात्री विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं। कम से कम 322 घर और 16 पुल क्षतिग्रस्त हो गए
नेपाल में बारिश के कारण बिहार में बाढ़ आती है क्योंकि बिहार का मैदानी क्षेत्र नेपाल से सटा हुआ है। कोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, बागमती सहित कई नदियाँ नेपाल से बिहार तक बहती हैं.जब भी नेपाल में बारिश होती है तो वहां की नदियों का पानी बिहार में आने लगता है. कोसी में नेपाल की लगभग सात नदियाँ मिलती हैं, जो हर साल बिहार में तबाही मचाती हैं, इसीलिए कोसी को बिहार का शोक भी कहा जाता है. बिहार के पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढी समेत अन्य जिले नेपाल से सटे हैं. फिलहाल ये जिले भी बाढ़ की चपेट में हैं. यहां भी निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है.
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