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इस्लाम में भाई-बहन में ही क्यों हो जाती है शादी? इसके पीछे ये तर्क देते हैं मुसलमान

नई दिल्ली: किसी भी धर्म में शादी को बहुत ही पवित्र बंधन माना जाता है. अगर इस्लाम में शादी यानी निकाह की प्रथा की बात करें तो इस धर्म में चचेरे भाई-बहन के बीच भी शादी हो सकती है. दुनिया के सभी देशों में इसकी इजाजत है. इस धर्म के अनुयायियों में करोड़ों ऐसे जोड़े […]

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  • September 10, 2024 10:33 am Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली: किसी भी धर्म में शादी को बहुत ही पवित्र बंधन माना जाता है. अगर इस्लाम में शादी यानी निकाह की प्रथा की बात करें तो इस धर्म में चचेरे भाई-बहन के बीच भी शादी हो सकती है. दुनिया के सभी देशों में इसकी इजाजत है. इस धर्म के अनुयायियों में करोड़ों ऐसे जोड़े होंगे जिन्होंने अपने चचेरे भाई-बहनों से शादी की होगी. मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अरब दुनिया में 45-50 फीसदी शादीशुदा जोड़े ऐसे हैं, जिन्होंने ऐसी शादी की है. भारत में भी ऐसे कई इस्लामिक जोड़े होंगे.

सगी बहन से विवाह पर सख्त रोक

पाकिस्तान और मध्य पूर्व के अन्य मुस्लिम देशों में, परिवार के भीतर विवाह को प्राथमिकता दी जाती है. ये भी एक तरह की परंपरा है. इसको लेकर दुनिया भर में खूब चर्चा हो रही है. इसके पीछे एक तर्क ये है कि मध्य पूर्व के देशों में राजशाही और कबीलाई व्यवस्था बहुत प्रभावी रही है. ऐसे में इस व्यवस्था को प्रभावी बनाए रखने के लिए परिवार में ही विवाह को महत्व दिया गया है। इस्माइल के सबसे पवित्र ग्रंथ कुरान में चचेरे भाई के साथ विवाह की अनुमति है. इस्लाम में अपनी ही बहन से शादी करना सख्त मना है। विश्व के लगभग सभी धर्मों में ऐसी ही व्यवस्था है. दुनिया में कहीं भी अपनी बहन से शादी करने की परंपरा नहीं है. आधुनिक युग ने भी भाई-बहन के बीच विवाह को वैज्ञानिक दृष्टि से अतार्किक करार दिया है. हमारी सामाजिक व्यवस्था भी इसकी इजाजत नहीं देती.

इस 5 रिश्ते से शादी करना गुनाह

सगी बहन के अलावा इस्लाम में 5 ऐसे रिश्ते हैं जिनसे शादी नहीं की जा सकती. यानी कुल छह रिश्तों में जिनमें शादी करना अपराध है, उनमें पहला है सगी बहन और दूसरा, कोई लड़का अपने पिता की बहन यानी मौसी से शादी नहीं कर सकता. तीसरा- कोई लड़का अपनी मां की बहन यानी मौसी से शादी नहीं कर सकता. चौथा- कोई लड़का अपने भाई की बेटी यानी भतीजी से भी शादी नहीं कर सकता. पांचवीं बात, कोई लड़का अपनी बहन की बेटी यानी भतीजी से शादी नहीं कर सकता और छठी बात, कोई लड़का अपनी पालक मां यानी अपनी पालक मां से भी शादी नहीं कर सकता।

चचेरी बहन-भाई से शादी की इजाजत

चचेरी बहन से विवाह की अनुमति है. इसके पीछे उन्होंने कई तर्क भी दिए हैं, जो काफी जायज लगते हैं. उन्होंने यह भी कहा है कि सिर्फ इस्लाम में ही नहीं बल्कि दुनिया के कई अन्य धर्मों में भी चचेरे भाइयों से शादी की इजाजत है. लेकिन, सगी बहन के अलावा इस्लाम में कुछ ऐसे भी रिश्ते हैं, जिनमें शादी करना सख्त मना है।

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