मुस्लिम मर्द अपनी दाढ़ी लाल और बड़ी क्यों रखते हैं? ये फैशन है या कुछ….

नई दिल्ली: इस्लाम में दाढ़ी रखने को लेकर अलग-अलग राय है कि क्या दाढ़ी रखने से आप काफिरों से अलग दिखते हैं या दाढ़ी रखना पैगंबर मोहम्मद के आदेशों का पालन करना है. अधिकांश मुसलमान अपनी दाढ़ी का रंग लाल या नारंगी रंग करते हैं. कहा जाता है कि प्राकृतिक रंग पद्धति का प्रयोग पैगम्बर […]

Advertisement
मुस्लिम मर्द अपनी दाढ़ी लाल और बड़ी क्यों रखते हैं? ये फैशन है या कुछ….

Aprajita Anand

  • September 7, 2024 12:04 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

नई दिल्ली: इस्लाम में दाढ़ी रखने को लेकर अलग-अलग राय है कि क्या दाढ़ी रखने से आप काफिरों से अलग दिखते हैं या दाढ़ी रखना पैगंबर मोहम्मद के आदेशों का पालन करना है. अधिकांश मुसलमान अपनी दाढ़ी का रंग लाल या नारंगी रंग करते हैं. कहा जाता है कि प्राकृतिक रंग पद्धति का प्रयोग पैगम्बर मोहम्मद ने भी किया था. जबकि इस्लाम में ऐसी कोई धार्मिक मान्यता नहीं है. इस्लाम धर्म में दाढ़ी रखना एक सुन्नत कृत्य है. लंबी दाढ़ी रखना उनके लिए ब्रह्मचर्य का प्रतीक माना जाता है. इस्लाम में दाढ़ी रखने को लेकर अलग-अलग राय है कि क्या दाढ़ी रखने से आप काफिरों से अलग दिखते हैं या दाढ़ी रखना पैगंबर मोहम्मद के आदेशों का पालन करना है.

रंगने का चुनाव निजी फैसला

दाढ़ी को रंगने का चुनाव हर किसी का निजी फैसला हो सकता है. इस्लाम धर्म में इससे जुड़े कोई नियम नहीं हैं. लोग सौंदर्य कारणों से अपने बालों और दाढ़ी को रंगते हैं. इस्लाम धर्म दाढ़ी रखने को प्रोत्साहित करता है, लेकिन इसकी लंबाई और रंग को लेकर कोई विशेष निर्देश नहीं हैं. फिल्मों, टीवी, सीरियल्स में मुस्लिम किरदारों को लाल दाढ़ी के साथ दिखाया जाता है, जिससे आम धारणा यह है कि सभी मुस्लिम ऐसे ही दिखते हैं, जबकि यह पूरी तरह से गलत है.

इस्लाम धर्म दाढ़ी रखना…

इस्लाम के पवित्र पैगंबर (स.अ.) दाढ़ी रखते थे, जो उस युग और देश के पुरुषों की प्रथा थी. ये सब सिर्फ रीति-रिवाजों या परंपराओं का पालन करने के लिए नहीं किया गया था. हजारों वर्षों से कई संस्कृतियों और सभ्यताओं में दाढ़ी रखना धर्म और पुरुषत्व से जुड़ा रहा है और कई धर्मों में यह एक आम बात है. सिख धर्म में दाढ़ी को पुरुषों की गरिमा और बड़प्पन का हिस्सा माना जाता है. यहूदी धर्म और ईसाई धर्म में, प्राचीन पुजारी अक्सर दाढ़ी रखते थे और दाढ़ी काटना शर्म और अपमान का संकेत माना जाता था. इस्लाम ने इस महान परंपरा को जारी रखा है, जहां इस्लाम के पैगंबर (SAW) ने दाढ़ी बढ़ाने को प्रोत्साहित किया है.

Also read…

ये सेलेब्स हैं बप्पा के सच्चे भक्त, खुद तैयार करते हैं मिट्टी से भगवान गणेश की मूर्ति, देखें वीडियो

Advertisement