बीजेपी सरकार ने नूपुर शर्मा पर कार्रवाई करने में क्यों की देरी, जानिए बड़ी वजह

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी की निलंबित नेता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद को लेकर की गई विवादित टिप्पणी के बाद राजनीति गरमा गई है। मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ-साथ कई नेताओं ने नूपुर की गिरफ्तारी की भी मांग की है। इनमें से ज्यादातर नेताओं, ओवैसी ने नूपुर के बयानों का विरोध किया है। उन्होंने भारत […]

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बीजेपी सरकार ने नूपुर शर्मा पर कार्रवाई करने में क्यों की देरी, जानिए बड़ी वजह

Pravesh Chouhan

  • June 6, 2022 2:21 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी की निलंबित नेता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद को लेकर की गई विवादित टिप्पणी के बाद राजनीति गरमा गई है। मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ-साथ कई नेताओं ने नूपुर की गिरफ्तारी की भी मांग की है। इनमें से ज्यादातर नेताओं, ओवैसी ने नूपुर के बयानों का विरोध किया है। उन्होंने भारत सरकार से त्वरित कार्रवाई करते हुए नूपुर की गिरफ्तारी की मांग की है। एक मीडिया टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने मोदी सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर खाड़ी देश कोई विरोध नहीं करते तो मोदी सरकार नूपुर के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती। बीजेपी सरकार ने नूपुर के खिलाफ इतने लंबे समय तक कार्रवाई क्यों की। ये बहुत बड़ा सवाल है।

इस वजह से अब की कार्रवाई

दो हफ्ते पहले जब बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने एक टीवी शो में पैगंबर मोहम्मद को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी तो इसका असर खाड़ी और अरब देशों में सीमा पर देखने को मिला था। ओमान के प्रमुख मुफ्ती अहमद अल खलीली ने मुस्लिम देशों के साथ-साथ पूरी दुनिया के मुसलमानों से जवाबी कार्रवाई के लिए खड़े होने की अपील की।

खाड़ी देशों में इस टिप्पणी के खिलाफ भारतीय उत्पादों के बहिष्कार की अपील की गई थी। इस बीच, सरकार हरकत में तब आई जब मिस्र ने तुर्की के बाद भारतीय गेहूं को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। चौतरफा अपने आपको घिरता देख भारत ने नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल को पार्टी से निष्कासित कर दिया।

सऊदी अरब ने दिया ये बयान

भारतीय जनता पार्टी की ओर से इस कार्रवाई के बाद सऊदी विदेश मंत्रालय की ओर से एक ट्वीट किया गया है। इस ट्वीट में कहा गया है कि हम भारत की सत्ताधारी पार्टी भाजपा के प्रवक्ता द्वारा पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने वाली टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हैं। इससे पता चलता है कि इस्लाम के प्रतीकों को लेकर उनके मन में किस तरह का पूर्वाग्रह है।

इसके अलावा सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय की ओर से लिखा गया कि हम भारत की उस कार्रवाई का भी स्वागत करते हैं, जिसके तहत प्रवक्ता को उनके पद से हटा दिया गया है। सऊदी विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम अपने संकल्प को दोहराते हैं कि सभी धर्मों और आस्थाओं का सम्मान किया जाना चाहिए।

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