नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 में केरल की वायनाड और उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से जीत हासिल करने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार की शाम एक सीट छोड़ने का ऐलान कर दिया. राहुल ने वायनाड सीट छोड़ने का फैसला किया है. वह अब अपनी मां की सीट यानी रायबरेली से सांसद बने […]
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 में केरल की वायनाड और उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से जीत हासिल करने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार की शाम एक सीट छोड़ने का ऐलान कर दिया. राहुल ने वायनाड सीट छोड़ने का फैसला किया है. वह अब अपनी मां की सीट यानी रायबरेली से सांसद बने रहेंगे. वायनाड में होने वाले उपचुनाव में प्रियंका गांधी कांग्रेस की उम्मीदवार होंगी.
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में जब राहुल गांधी को अपनी परंपरागत सीट अमेठी से हार मिली थी तब वायनाड में मिली जीत ने ही उन्हें संसद पहुंचाया था. ऐसे में राहुल ने इस बार वायनाड की जगह पर रायबरेली को चुनने का फैसला क्यों लिया, ये सवाल हर किसी के मन में है. आइए 5 प्वाइंट्स में समझते हैं कि राहुल ने वायनाड की जगह रायबरेली को क्यों चुना…
1- यूपी की रायबरेली लोकसभा सीट हमेशा से गांधी परिवार का गढ़ रही है.
2- गांधी परिवार के मुखिया ने हमेशा उत्तर प्रदेश से ही राजनीति की है. रायबरेली सीट से राहुल की मां सोनिया, दादी इंदिरा गांधी और दादा फिरोज गांधी सांसद रहे हैं.
3- सोनिया गांधी ने इस बार यह सीट छोड़ते वक्त रायबरेली की जनता से कहा था कि मैं आपको अपना बेटा सौंप रही हूं.
4- गांधी परिवार के लोग भी यही चाह रहे थे कि राहुल गांधी संसद में रायबरेली सीट का प्रतिनिधित्व करें.
5- मां सोनिया गांधी ने राहुल को समझाया था कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इसी वजह से उन्हें रायबरेली सीट अपने पास रखना चाहिए.
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