नई दिल्ली: अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुए इंटरव्यू के दौरान बताया कि इस खास से पहले वे 45 घंटे तक भूखे रहे. उन्होंने पीएम मोदी से कहा, “मैंने यह उपवास इस बातचीत की तैयारी और आध्यात्मिक जुड़ाव के लिए रखा है। मैंने सुना है कि आप भी लंबे समय तक उपवास करते हैं। कृपया साझा करें कि आपके लिए उपवास का क्या महत्व है?”

इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रीडमैन की इस भावना की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें यह जानकर अत्यधिक खुशी और सम्मान का अनुभव हो रहा है कि उन्होंने उपवास रखा। उन्होंने कहा कि भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराएं सिर्फ अनुष्ठान नहीं, बल्कि जीवन जीने का एक तरीका हैं।

उपवास अनुशासन क्या बोले PM

पीएम मोदी ने बताया कि भारतीय शास्त्रों में शरीर, मन, बुद्धि, आत्मा और मानवता के उत्थान पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा, “हमारी परंपराओं में उपवास का उद्देश्य केवल भोजन का त्याग नहीं, बल्कि अनुशासन विकसित करना है। यह जीवन को संतुलित करने और इंद्रियों को जागरूक बनाने का एक सशक्त माध्यम है।”

उन्होंने आगे कहा कि जब कोई उपवास करता है, तो उसकी इंद्रियां अधिक संवेदनशील हो जाती हैं। स्वाद, गंध और स्पर्श की अनुभूति कई गुना बढ़ जाती है, जिससे विचार प्रक्रिया तेज हो जाती है। उन्होंने कहा, “उपवास के दौरान लीक से हटकर सोचने की क्षमता विकसित होती है, जिससे आत्मनिरीक्षण और मानसिक स्पष्टता में वृद्धि होती है।”

उपवास केवल भोजन का त्याग नहीं

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आमतौर पर लोग उपवास को सिर्फ भोजन न करने से जोड़ते हैं, लेकिन यह केवल इसका शारीरिक पहलू है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर कोई मजबूरी में भोजन नहीं करता, तो उसे उपवास नहीं कहा जा सकता। यह एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जो शरीर और मन दोनों को शुद्ध करती है।

उन्होंने बताया कि जब वे लंबे समय तक उपवास करने की योजना बनाते हैं, तो कुछ दिन पहले से खुद को तैयार करते हैं। इसके लिए वे आयुर्वेदिक और योगिक प्रक्रियाओं का पालन करते हैं। उपवास शुरू करने से पहले अधिक मात्रा में पानी पीते हैं ताकि शरीर सही तरीके से तैयार हो सके।

ये भी पढ़ें: देखो लो ख़ाकी का रंग! बलम पिचकारी पर संभल SP के ठुमके, DM को कंधे पर उठाया, CO अनुज चौधरी का अलग भौकाल