शिमला। हिमाचल प्रदेश में चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस ने कई दिग्गज नेताओं को दरकिनार करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में सुखविंदर सिंह सुक्खू का नाम आगे किया।
कांग्रेस के भीतर कई दिग्गज नेता थे जो मुख्यमंत्री पद के अहम दावेदार थे, लेकिन कांग्रेस ने सभी दिग्गजों को किनारे करते हुए मुख्यमंत्री के रूप मे सुखविंदर सिंह सुक्खू को ही चुना। इस समीरकरण के चलते कांग्रेस के द्वारा यह फैसला लिया गया।
हिमाचल चुनावों में जीत के बाद वीरभद्र सिंह की विरासत संभालने वाली प्रतिभा सिंह को ही मुख्यमंत्री पद का अहम दावेदार माना जा रहा था। प्रतिभा सिंह के अलावा अहम नामों की सूची में शीर्ष पर आने वाला नाम मुकेश अग्निहोत्री का था। लेकिन कांग्रेस ने मुकेश अग्निहोत्री को भी किनारे करते हुए अपना फैसला आलाकमान पर छोड़ दिया।
आखिर कांग्रेस ने वीरभद्र सिंह की इतनी बड़ी विरासत की उत्तराधिकारी प्रतिभा सिंह समेत तमाम दिग्गज नेताओं को पीछे क्यों छोड़ दिया।
यदि कांग्रेस प्रतिभा सिंह को कमान सौंपने का फैसला ले भी लेती तो मंडी से सांसद प्रतिभा सिंह को इस्तीफा देना पड़ता साथ ही एक अन्य विधायक को भी इस्तीफा देना होता जिसके चलते होने वाले उपचुनाव कांग्रेस के पक्ष मे घातक हो सकते थे, जिसके चलते कांग्रेस ने प्रतिभा सिंह को दावेदार मानने से इन्कार कर दिया।
कांग्रेस पर सदैव से यह आरोप लगता रहा है कि, अहम पदों पर परिवारवाद को प्राथमिकता दी जाती है इससे बचने के लिए कांग्रेस ने सभी दिग्गज नेताओं को किनारे करते हुए, नादौन विधानसभा सीट से चार बार के विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू को मुख्यमंत्री के रूप में आगे किया।
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