नई दिल्ली। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव देश-विदेश तक दिख रहा है। रामलला के लिए उपहार अयोध्या भेजे जा रहे हैं। जहां एक तरफ राम को लेकर देश मग्न दिखाई पड़ रहा है तो वहीं राम मंदिर निमंत्रण को लेकर कुछ दल बीजेपी पर हमला बोल रहे हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने निमंत्रण […]
नई दिल्ली। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव देश-विदेश तक दिख रहा है। रामलला के लिए उपहार अयोध्या भेजे जा रहे हैं। जहां एक तरफ राम को लेकर देश मग्न दिखाई पड़ रहा है तो वहीं राम मंदिर निमंत्रण को लेकर कुछ दल बीजेपी पर हमला बोल रहे हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने निमंत्रण नहीं मिलने की बात कही है तो वहीं कांग्रेस के नेताओं ने भी राम मंदिर का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया है। इनमें सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे तथा अधीर रंजन चौधरी शामिल हैं। वहीं गुरुवार को वेस्ट यूपी के बड़े नेता में गिने जाने वाले कांग्रेस नेता इमरान मसूद मेरठ में कांग्रेस संवाद एवं कार्यशाला में एक बड़ा बयान दिया।
कांग्रेस के बड़े नेताओं ने राम मंदिर नहीं जाने का फैसला लेते हुए इसे आरएसएस और बीजेपी का कार्यक्रम बताया है। वहीं, इमरान मसूद ने कहा कि राम हमारे आराध्य हैं और हम सब राम के वंशज हैं। पहली बार किसी मुस्लिम नेता को लेकर ऐसा बयान आया है, जबकि कांग्रेस भगवान राम को लगातार नकारती रही है। बता दें कि इमरान मसूद ने मेरठ में जो भगवान राम पर भाषण दिया है, वो अब काफी चर्चा में है।
गुरुवार को मेरठ में कांग्रेस संवाद और कार्यशाला में इमरान मसूद ने कहा कि राम हमारे आराध्य हैं और हम सब राम के वंशज हैं। साथ ही भाजपा पर हमला बोलते हुआ कहा था कि राम के घर का न्योता नहीं दिया जाता है, राम तो खुद बुलाने वाले हैं, ये लोग राम को लाने वाले कहां से आ गए।
पार्टी के राम मंदिर का निमंत्रण अस्वीकार करने पर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट कर कहा राम मंदिर और भगवान श्री राम सबके हैं. बता दें कि कांग्रेस हिंदू विरोधी पार्टी नहीं है, कांग्रेस श्री राम विरोधी नहीं है. दरअसल इसके इस फैसले से पार्टी के कई कार्यकर्ताओं का दिल टूटा है, निमंत्रण को अस्वीकार करना बेहद दुखद है।