September 8, 2024
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Wholesale Price Inflation: हुई थोक महंगाई दर में गिरावट, दिखा असर

नई दिल्ली: थोक महंगाई में गिरावट आई है। दरअसल, थोक मुद्रास्फीति जनवरी में घटकर 0.27 प्रतिशत पर आ गई है। खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी इसका प्रमुख कारण रहा। बता दें कि दिसंबर 2023 में यह 0.73 प्रतिशत थी और थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल से अक्टूबर तक लगातार शून्य से नीचे बनी हुई थी। इससके अलावा नवंबर में यह 0.39 प्रतिशत दर्ज की गई थी और थोक महंगाई में गिरावट का असर सीधे रिटेल महंगाई पर पड़ता है। वहीं, ऐसे में आने वाले दिनों में आम लोगों को महंगाई पर थोड़ी राहत(Wholesale Price Inflation) मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।

किस वजह से घटी थोक महंगाई

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के मुताबिक थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में लिए 0.27 प्रतिशत रही। इस दौरान थोक मुद्रास्फीति जनवरी 2023 में 4.8 प्रतिशत थी। आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी 2024 में खाद्य सामग्री की महंगाई दर 6.85 प्रतिशत रही है, जो कि दिसंबर 2023 में 9.38 प्रतिशत थी। बता दें कि जनवरी में सब्जियों की महंगाई दर 19.71 प्रतिशत, यह दिसंबर 2023 में 26.3 प्रतिशत रही थी। इसके अलावा जनवरी में दालों में थोक मुद्रास्फीति 16.06 प्रतिशत थी, बल्कि फलों में यह 1.01 प्रतिशत(Wholesale Price Inflation) रही।

जानकारी दे दें कि इसे पहले रिटेल महंगाई दर जनवरी 2024 में कम होकर 5.1 प्रतिशत पर पहुंच गई है और यह पिछले तीन महीने में सबसे न्यूनतम स्तर है। वहीं, दिसंबर महीने में महंगाई दर 5.69 प्रतिशत थी।

आरबीआई का महंगाई अनुमान

भारतीय रिज़र्व बैंक ने पिछले कुछ दिनों में 8 फरवरी को खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी पर चिंता जताई थी। जिसको देखते हुए उसने कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बाद भी, वित्त वर्ष 2024 के लिए अपने महंगाई अनुमान को 5.4 फीसदी रखा और कोई भी बदलाव नहीं किया। इस दौरान, रिजर्व बैंक ने यह भी कहा था कि उसे 31 मार्च को समाप्त होने वाली चालू तिमाही में महंगाई 5 फीसदी रहने की उम्मीद है।

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