नई दिल्लीः विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंगलवार को कहा कि हेपेटाइटिस संक्रमण की वजह से मरने वालों की तादाद बढ़ रही है। यह बीमारी प्रति वर्ष दुनियाभर में 13 लाख लोगों की मौते के लिए जिम्मेदार है। यह तपेदिक जैसी बीमारियों की लिस्ट में ही आती है, जो ज्यादातर संक्रामक मौतों का एक अन्य बड़ा […]
नई दिल्लीः विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंगलवार को कहा कि हेपेटाइटिस संक्रमण की वजह से मरने वालों की तादाद बढ़ रही है। यह बीमारी प्रति वर्ष दुनियाभर में 13 लाख लोगों की मौते के लिए जिम्मेदार है। यह तपेदिक जैसी बीमारियों की लिस्ट में ही आती है, जो ज्यादातर संक्रामक मौतों का एक अन्य बड़ा कारण माना जाता है।
डब्ल्यूएचओ 2024 ग्लोबल हेपेटाइटिस रिपोर्ट में कहा गया है कि 187 देशों के नए आंकड़ों से पता चलता है कि वायरल हेपेटाइटिस से होने वाली मृत्यु की अनुमानित संख्या 2022 में 13 लाख हो गई, जो 2019 में 11 लाख थी। इसमें से 83 फीसदी मौतें हेपेटाइटिस बी और 17 फीसदी हेपेटाइटिस सी की वजह से हुईं थी। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमण के कारण हर दिन दुनियाभर में 3,500 लोग मर रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयेसस ने बताया कि यह रिपोर्ट एक परेशान करने वाली तस्वीर पेश करती है। हेपेटाइटिस संक्रमण को रोकने में विश्व स्तर पर काम जारी है लेकिन इसके बावजूद मौतों की संख्या बढ़ रही हैं। हेपेटाइटिस से पीड़ित बहुत कम लोगों का निदान और उपचार किया जा रहा है। डब्ल्यूएचओ देशों को उनके निपटान में सभी साधनों का इस्तेमाल करने के लिए समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अब निदान और उपचार के लिए बेहतर उपकरण उपलब्ध हैं और उनकी कीमतें भी घट रही हैं लेकिन परीक्षण और उपचार कवरेज दरें नहीं बढ़ी हैं। हालांकि एजेंसी ने यह भी कहा कि अगर तत्काल तेज कार्रवाई की जाए तो 2030 तक डब्ल्यूएचओ उन्मूलन लक्ष्य तक पहुंचना संभव हो सकता है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य निकाय सभी देशों को हर संभव मदद देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे वो हर मौजूदा उपाय आजमा सकें।