शिमला: हिमाचल प्रदेश न सिर्फ अपनी वादियों के लिए मशहूर है बल्कि इसे वीरों की भूमि भी कहा जाता है। यहां के कई युवकों ने भारतीय सेना और पुलिस में खुद को साबित किया है। इन्हीं जांबाजों में एक नाम है IPS अधिकारी और DIG स्वप्न शर्मा का। बता दें, वह वर्तमान में पंजाब में […]
शिमला: हिमाचल प्रदेश न सिर्फ अपनी वादियों के लिए मशहूर है बल्कि इसे वीरों की भूमि भी कहा जाता है। यहां के कई युवकों ने भारतीय सेना और पुलिस में खुद को साबित किया है। इन्हीं जांबाजों में एक नाम है IPS अधिकारी और DIG स्वप्न शर्मा का। बता दें, वह वर्तमान में पंजाब में खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल की गिरफ्तारी से संबंधित अमृतपाल ऑपरेशन को लीड कर रहे है। जानकारी के मुताबिक, स्वप्न शर्मा को दो महीने पहले पंजाब पुलिस में DIG नियुक्त किया गया था। ऐसे में DIG बनने के महज दो महीने बाद ही उन्हें अमृतपाल सिंह को पकड़ने की जिम्मेदारी दी गई है।
DIG स्वप्न शर्मा 2009 की आईपीएस अधिकारी हैं। इससे पहले उन्होंने हिमाचल प्रशासनिक सेवा परीक्षा (Himachal Administrative Services Examination) पास की थी और चौपाल में BDO थे। लेकिन साल 2009 में उन्होंने UPSC की परीक्षा पास की और IPS बन गए। बात करें परिवार की तो, स्वप्न शर्मा के पिता कर्नल महेश शर्मा भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हैं जबकि उनकी मां बीना शर्मा गृहिणी हैं। बताया जाता है कि स्वप्न शर्मा का जन्म 10 अक्टूबर 1980 को कांगड़ा जिले के ज्वालामुखी के ढोग गांव में हुआ था।
स्वप्न शर्मा ने ज्ञानी जैल सिंह कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, बठिंडा से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की हैं। साल 2008 में शिमला के चौपाल में HAS की परीक्षा पास करने के बाद 9 महीने तक BDO रहे। 2009 में भारतीय पुलिस सेवा (Indian Police Service ) का प्रशिक्षण पूरा करने के बाद स्वप्न शर्मा ने पंजाब कैडर का चयन किया। इसके बाद वह राजपुरा, लुधियाना और कई अन्य शहरों में भी तैनात रहे। वह दस महीने तक पंजाब के मुख्यमंत्री की सुरक्षा में भी तैनात रहे। फाजिल्का, बठिंडा, रोपड़, संगरूर, जालंधर और ग्रामीण अमृतसर में SSP रहते हुए, उन्होंने शराब तस्करों और गैंगस्टरों के खिलाफ अभियान चलाया और उनकी सख्त कार्यशैली को लेकर वह अक्सर खबरों में रहे।
स्वप्न शर्मा को 4 बार डीजीपी डिस्क अवार्ड (DGP Disc Award) से सम्मानित किया जा चुका है। 24 जनवरी 2023 को उन्हें पंजाब सरकार में DIG के पद पर पदोन्नत किया गया। उन्हें एआईजी काउंटर इंटेलिजेंस (AIG Counter Intelligence) में भी दो बार नियुक्त किया गया था। ऐसे में अब उनके ऊपर खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल को पकड़ने की जिम्मेदारी है।