झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने की घटना की जांच के लिए गठित समिति तीन बिंदुओं पर जांच करेगी। इसके तहत समिति को आग लगने के प्राथमिक कारण, किसी प्रकार की लापरवाही या गलती की पहचान करने तथा भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सिफारिशें देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
लखनऊ : झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने की घटना को लेकर यूपी स्वास्थ्य विभाग की जांच कमेटी गठित कर दी गई है। डीजी मेडिकल एजुकेशन की अध्यक्षता में 4 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। जांच कमेटी अगले 7 दिनों में मामले की विस्तृत जांच रिपोर्ट सौंपेगी। इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से आधिकारिक आदेश जारी कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने शनिवार को इस घटना के संबंध में एक अधिसूचना जारी की। अधिसूचना के अनुसार चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग के महानिदेशक की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी गई है।
झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने की घटना की जांच के लिए गठित समिति तीन बिंदुओं पर जांच करेगी। इसके तहत समिति को आग लगने के प्राथमिक कारण, किसी प्रकार की लापरवाही या गलती की पहचान करने तथा भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सिफारिशें देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
झांसी अग्निकांड के बाद लखनऊ में एक्शन लिया गया। लखनऊ के 80 अस्पतालों को फायर विभाग ने नोटिस जारी की है। जांच में पता चला कि कई अस्पतालों में फायर विभाग की गाइडलाइंस को नहीं फॉलो किया जा रहा है। जांच में यह भी बात सामने आई कि 906 में 301 अस्पतालों के पास फायर NOC ही नहीं है।
उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में शुक्रवार रात महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 नवजात की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि हादसे में घायल 16 अन्य बच्चे जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। शनिवार को झांसी में कड़ी सुरक्षा के बीच सात बच्चों का पोस्टमार्टम किया गया। तीन बच्चों का पोस्टमार्टम नहीं हो सका क्योंकि उनके माता-पिता की पहचान नहीं हो सकी।
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