जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पीएचडी स्कॉलर उमर खालिद पर सोमवार को जानलेवा हमला हुआ. कंस्टीट्यूशन क्लब के पास हुए हमले में उमर खालिद बाल-बाल बच गए. अज्ञात शख्स ने उमर खालिद पर फायरिंग की लेकिन वे बच गए. हमलावर फरार है लेकिन उसकी बंदूक कब्जे में ले ली गई है.
नई दिल्ली. जेएनयू छात्र उमर खालिद पर दिल्ली कंस्टीट्यूशन क्लब के पास जानलेवा हमला हुआ. उनपर गोली चलने की खबरें हैं. जेएनयू छात्र उमर खालिद पर आरोप था कि उन्होंने कथित तौर पर ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ की नारेबाजी जेएनयू में की थी. सोमवार सुबह हुए हमले में उमर खालिद को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. हमलावर और उसकी मंशा का पता नहीं चल पाया है. हालांकि, हमले में इस्तेमाल की गई बंदूक पुलिस ने बरामद कर ली है.
कौन हैं उमर खालिद: उमर खालिद जेएनयू के छात्र हैं. 2016 में उमर खादिल और उनके साथियों पर आरोप लगा था कि उन्होंने कथित तौर पर विवि में भारत तेरे टुकड़े होंगे की नारेबाजी की. उमर खालिद ने 9 जून को दिल्ली पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं. उमर खालिद का परिवार दिल्ली के जाकिरनगर में रहता है. उनका परिवार करीब तीन दशक पहले महाराष्ट्र के तालेगांव से आकर राष्ट्रीय राजधानी में बसा था. उनके पिता सैयद कासिम रसूल इलियास दिल्ली में ही उर्दू की मैगजीन ‘अफकार-ए-मिल्ली’निकालते हैं.
जेएनयू में स्कूल ऑफ सोशल साइंस से इतिहास में पीएचडी कर रहे उमर खालिद हिस्ट्री में एमए और एमफिल कर चुके हैं. ये जेएनयू में डीएसयू (डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन) से जुड़े रहे हैं जिसे प्रतिबंधित सीबीआई (एम) का समर्थक माना जाता है. उमर खालिद, अनिर्बान और कन्हैया कुमार पर 9 फरवरी 2016 को देश विरोधी और आतंकी अफज़ल गुरु के समर्थन में नारे लगाने का आरोप लगा था. इस मामले की अभी जांच चल रही है और पुलिस दो साल बाद भी चार्जशीट दाखिल नहीं कर पाई है. उमर खालिद ने फेसबुक पोस्ट में आतंकी बुरहान वानी की तुलना चे ग्वेरा से की थी. इसके अलावा जेएनयू कैंपस में हिंदू देवी देवताओं की आपत्तिजनक तस्वीरें लगाकर नफरत पैदा करने के मामले में भी उमर खालिद का नाम आ चुका है.
JNU के छात्र नेता उमर खालिद पर दिल्ली में कंस्टीट्यूशन क्लब के पास फायरिंग, गोली से बाल-बाल बची जान
जेएनयू ने छात्र नेता कन्हैया कुमार पर जुर्माना और उमर खालिद के निष्कासन को सही ठहराया