नई दिल्ली, पैगंबर मोहम्मद (Prophet Mohammad) के खिलाफ विवादित टिप्पणी अब नूपुर शर्मा पर कानूनी तलवार बनकर लटक गई है. हालांकि रविवार को उनके इस विवादास्पद बयान को लेकर भाजपा ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था. अब नूपुर शर्मा को जल्द ही मुंबई पुलिस समन भेज सकती है. आज हम आपको बताते हैं […]
नई दिल्ली, पैगंबर मोहम्मद (Prophet Mohammad) के खिलाफ विवादित टिप्पणी अब नूपुर शर्मा पर कानूनी तलवार बनकर लटक गई है. हालांकि रविवार को उनके इस विवादास्पद बयान को लेकर भाजपा ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था. अब नूपुर शर्मा को जल्द ही मुंबई पुलिस समन भेज सकती है. आज हम आपको बताते हैं कि आखिर कौन है नूपुर शर्मा जिनके एक बयान से अब भारत की छवि को मुस्लिम खाड़ी देशों के बीच झटका लगा है.
नुपुर शर्मा के लिंकेडिन प्रोफाइल को देखें तो उनके बारे में कई सारी जानकारी प्राप्त होती है. नूपुर पेशे से वकील और प्रमुख बीजेपी नेता हैं. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से लॉ किया है साथ ही लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (LSE) से साल 2011 में LLM (Master of Laws) की पढ़ाई भी की है. कॉलेज के दिनों से ही नुपुर को राजनीति में सक्रिय देखा गया हैं. उनकी प्रोफाइल कहती है कि नूपुर जुलाई 2009 से जून 2010 तक “टीच फॉर इंडिया” के लिए भी एंबेसडर के तौर पर काम किया है.
नूपुर के सियासी करियर की शुरुआत साल 2008 से हुई जब उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन (DUSU) की अध्यक्ष चुनी गईं. वह देश की सत्तासीन पार्टी भाजपा की युथ विंग के लिए भी काम कर चुकी हैं.
नूपुर के बारे में बहुत कम लोगों को याद होगा कि उन्होंने साल 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ा था. हालांकि नूपुर को इन चुनावों में हार मिली थी.
दो हफ्ते पहले जब बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने एक टीवी शो में पैगंबर मोहम्मद को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी तो इसका असर खाड़ी और अरब देशों में सीमा पर देखने को मिला था। भाजपा प्रवक्ता ने बीते दिनों पैगंबर मोहम्मद को लेकर अपमानजनक बात कही थी. ओमान के प्रमुख मुफ्ती अहमद अल खलीली ने मुस्लिम देशों के साथ-साथ पूरी दुनिया के मुसलमानों से जवाबी कार्रवाई के लिए खड़े होने की अपील की।
खाड़ी देशों में इस टिप्पणी के खिलाफ भारतीय उत्पादों के बहिष्कार की अपील की गई थी। इस बीच, सरकार हरकत में तब आई जब मिस्र ने तुर्की के बाद भारतीय गेहूं को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। चौतरफा अपने आपको घिरता देख भारत ने नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल को पार्टी से निष्कासित कर दिया।
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