Who Are Kamlesh Tiwari Killers, Ashfaq Hussain, Moinuddin Pathan,Kamlesh Tiwari Murder Accused Arrested: हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या करने वाले दो मुख्य अभियुक्त अशफाक हुसैन और मोईनुद्दीन पठान को एटीएस ने मंगलवार को गुजरात-राजस्थान बॉर्डर से गिफ्तार कर लिया. इससे पहले सूरत से तीन अन्य आरोपियों मौलाना मोहसीन शेख, फैजान और खुर्शीद अहमद को गिरफ्तार किया था. सभी आरोपियों ने कमलेश तिवारी की हत्या का गुनाह कबूल कर लिया है. आइए जानते हैं कि कौन हैं कमलेश तिवारी के हत्यारे और इन्होंने मर्डर क्यों किया?
लखनऊ. हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या के चार दिन बाद सभी पांचों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर दिया है. गुजरात एटीएस ने मंगलवार शाम कमलेश तिवारी की हत्या करने वाले दो मुख्य अभियुक्त अशफाक हुसैन और मोईनुद्दीन अहमद को धर दबोचा. एटीएस ने गुजरात-राजस्थान बॉर्डर पर स्थित शामलाजी के पास कार्रवाई करते हुए इन दोनों को गिरफ्तार किया. इन दोनों पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने ढाई-ढाई लाख रुपये का इनाम भी रखा था. इससे पहलें शनिवार को गुजरात एटीएस ने ही सूरत से कमलेश तिवारी मर्डर केस के तीन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था जिनका नाम मौलाना मोहसीन शेख, फैजान और खुर्शीद अहमद है. इन तीनों आरोपियों के अलावा दोनों मुख्य अभियुक्त ने पूछताछ में कमलेश तिवारी की हत्या करने का गुनाह कबूल लिया है. आइए जानते हैं कि ये कमलेश तिवारी के हत्यारे कौन हैं और उन्होंने हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष की हत्या क्यों की?
अशफाक हुसैन-
गुजरात एटीएस द्वारा जारी प्रेस नोट के मुताबिक शेख अशफाक हुसैन जिसकी उम्र 34 साल है वो गुजरात के सूरत में पदमावती सोसाइटी में रहता था. पेशे से अशफाक एक मेडिकल रिप्रसेंटेटिव यानी एमआर है. अशफाक हुसैन ने अपने साथी मोईनुद्दीन के साथ मिलकर कमलेश तिवारी का उनके कार्यालय में जाकर कत्ल किया. घटना के बाद दोनों आरोपी फरार थे.
मोईनुद्दीन पठान-
अश्फाक के साथ घटना को अंजाम देने वाले मोईनुद्दीन पठान भी सूरत का ही रहने वाला है. सूरत में ही वह फूड डिलीवरी बॉय का काम करता था. इसकी उम्र 27 साल है और सूरत के उमरवाड़ा का रहने वाला है. दोनों ने कमलेश तिवारी की लखनऊ में हत्या की और भाग गए. जब उनके पैसे खत्म हुए तो दोनों ने अपने घरवालों को संपर्क किया. इसकी सूचना गुजरात एटीएस को मिली और शामलाजी से धर दबोचा.
ये तीन आरोपी भी कमलेश तिवारी की हत्या में शामिल-
कमलेश तिवारी की हत्या की वारदात को लखनऊ में अशफाक हुसैन और मोइनुद्दीन पठान ने अंजाम दिया था. मगर सूरत से पकड़े गए तीन अन्य आरोपी रशीद पठान, मलाना मोहसीन शेख सलीम और फैजान ने भी इस जुर्म में उनका साथ दिया. यूपी पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था कि इन तीनों ने हत्या की बात कबूली. ये तीनों भी सूरत में ही रह रहे थे.
रशीद पठान सूरत में दर्जी का काम करता है और कंप्यूटर एक्सपर्ट भी है. जबकि मौलाना मोहसीन साड़ी की दुकान पर काम करता था. मौलाना ने रशीद पठान को कमलेश तिवारी के खिलाफ भड़काया. रशीद ने फैजान, अशफाक और मोइनुद्दीन के साथ हत्या की योजना बनाई.
क्यों हुई कमलेश तिवारी की हत्या-
कमलेश तिवारी एक कट्टर हिंदूवादी संगठन से जुड़े थे. 2015 में उन्होंने पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ भड़काऊ बयान दिया था. जिसके बाद मुस्लिम समुदाय काफी आक्रोषित हुआ था. बिजनौर के दो मौलानाओं ने कमलेश तिवारी का सिर कलम कर लाने वाले को 51 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा भी कर दी थी. हालांकि बाद में कमलेश के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की गई.
कमलेश तिवारी को लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं. इसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने सुरक्षा भी दे रखी थी. पुलिस ने प्रारंभिक जांच में बताया कि 2015 में दिए गए भड़काऊ भाषण की वजह से ही कमलेश तिवारी की हत्या की गई. पकड़े गए सभी आरोपी मुस्लिम हैं और पूछताछ में उनकी बातों से मर्डर का कारण यही लग रहा है. फिलहाल पुलिस इस मामले में आरोपियों से गहनता से पूछताछ कर रही है.
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