नई दिल्ली. भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ वकीलों ने देश के सर्वोच्च न्यायलय पर गंभीर सवाल खड़े किये हैं. जस्टिस जस्ती चेलमेश्वर, रंजन गोगोई, जस्टिस मदन भीमराव लोकुर और कुरियन जोसफ ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा के कामकाज पर सवाल खड़े किये हैं. सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकीलों ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से कुछ सही नहीं चल रहा है. वकीलों ने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो लोकतांत्रिक परिस्थिति ठीक नहीं रहेगी. उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे पर चीफ जस्टिस से बात की, लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी. इतिहास में पहली बार मीडिया के सामने आने वाले ये चार जज कौन हैं आइए जानते हैं.
जस्टिस जस्ती चेलमेश्वर प्रोफाइल (Jasti Chelameswar) : 1953 जन्मे वरिष्ठ जज जे चेलामेश्वर वर्तमान में हाई कोर्ट ऑफ केरल और गुवाहटी के जज हैं. जस्ती चेलामेश्वर ने अपने वकालत के करियर में कई महत्वपूर्ण फैसले लिये हैं. भौतिकी विज्ञान में ग्रेजुएट चेलामेश्वर ने 1976 में आंध्र युनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई पूरी की. चेलामेश्वर 2011 में वह सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे. चेलमेश्वर पहले भई कई बार कोलेजियम व्यवस्था की आलोचना कर चुके हैं.
जस्टिस रंजन गोगोई प्रोफाइल (ranjan gogoi): उत्तर पूर्व भारत से आने वाले रंजन गोगोई नवंबर 2017 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने. रंजन गोगोई ऐसे पहले सीनियर जज हैं जो उत्तर पूर्व भारत से आने वाले वकील सुप्रीम कोर्ट के जज बने हैं. रंजन गोगोई ने अपने वकालत के करियर की शुरुआत गुवाहाटी हाई कोर्ट से शुरू की. इसके बाद 2011 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने. बता दें पूर्व असम के मुख्यमंत्री केशवचंद्र गोगोई कुछ महीने के लिये मुख्यमंत्री रहे. ये केशवचंद्र गोगोई रंजन गोगई के पिता थे.
जस्टिस कुरियन जोसेफ प्रोफाइल (Kurian Joseph): जस्टिस कुरियन जोसेफ का जन्म 1953 में हुआ. वर्तमान में ये सुप्रीम कोर्ट के जज हैं. कुरियन जोसेफ ने अपने करियर की शुरुआत 1979 में की. कुरियन जोसेफ केरल युनिवर्सिटी के काउंस एकेडमी के सदस्य भी रह चुके हैं. केरल हाईकोर्ट के अलावा वो हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के जज रह चुके हैं. कुरियन जोसेफ 2013 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने. जोसेफ कुरियन ने 2017 में तीन तालाक पर एंगेस्ट में फैसला देकर सुर्खियों में आए.
जस्टिस मदन भीमराव लोकुर प्रोफाइल (madan bhimrao lokur): मदन लोकुर वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के जज हैं. जिन्होंने अपनी शिक्षा दिल्ली से ली. मदन भीमराव लोकुर ने दिल्ली युनिवर्सिटी के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इतिहास में स्नानतक की है. इसके बाद जस्टिस मदन ने अपनी कानूनी शिक्षा दिल्ली के फैकल्टी ऑफ लॉ से की.
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