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जाइडस लाइफसाइंसेज को टाइफाइड वैक्सीन पर मिली बड़ी सफलता, WHO ने किया अप्रूव

नई दिल्ली: भारत की प्रमुख दवा निर्माता कंपनी जाइडस लाइफसाइंसेज को विश्व स्वास्थ्य संगठन से बड़ी सफलता मिली है। WHO ने कंपनी की स्वदेशी रूप से विकसित टाइफाइड वीआई कंजुगेट वैक्सीन जायवैक टीसीवी को अप्रूव दिया है। बता दें यह जानकारी जाइडस ने बुधवार को शेयर की है। WHO की तरफ से हरी झंडी मिलने […]

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WHO approves Zydus Lifesciences typhoid vaccine
  • October 23, 2024 9:49 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

नई दिल्ली: भारत की प्रमुख दवा निर्माता कंपनी जाइडस लाइफसाइंसेज को विश्व स्वास्थ्य संगठन से बड़ी सफलता मिली है। WHO ने कंपनी की स्वदेशी रूप से विकसित टाइफाइड वीआई कंजुगेट वैक्सीन जायवैक टीसीवी को अप्रूव दिया है। बता दें यह जानकारी जाइडस ने बुधवार को शेयर की है। WHO की तरफ से हरी झंडी मिलने के बाद अब संयुक्त राष्ट्र की खरीद एजेंसियां इस वैक्सीन की खरीद कर सकेंगी, जिससे वैश्विक स्तर पर टाइफाइड से लड़ने के देश-विदेश और सशक्त बन सकेंगे।

इस उम्र के लोग लगा सकते हैं वैक्सीन

बता दें जायवैक टीसीवी वैक्सीन का निर्माण अहमदाबाद स्थित जाइडस बायोटेक पार्क में किया जा रहा है। कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, यह वैक्सीन 6 महीने से लेकर 65 साल तक की आयु के लोगों के लिए सुरक्षित है और इसे साल्मोनेला टाइफी नामक बैक्टीरिया से होने वाले टाइफाइड संक्रमण के खिलाफ विकसित किया गया है।

Zydus Lifesciences, WHO. Typhoid Vi conjugate vaccine

सबसे ज्यादा टाइफाइड के मामले कहां?

जाइडस लाइफसाइंसेज ने अपनी रेगुलेटर फाइलिंग में बताया कि संयुक्त राष्ट्र एजेंसियां हर साल 150 मिलियन से अधिक खुराकें टाइफाइड कंजुगेट वैक्सीन की खरीदती हैं, जिनका इस्तेमाल मुख्य रूप से भारत, अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में होता है। इसके साथ ही दक्षिण एशियाई क्षेत्र में, जहां टाइफाइड बुखार के मामलों में अकेले भारत का 75 प्रतिशत योगदान है, इस वैक्सीन का व्यापक उपयोग संभावित है।

कितने लोग हो चुके संक्रमित

टाइफाइड बुखार, साल्मोनेला एन्टेरिका सेरोवर टाइफी (एस. टाइफी) नामक बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है, जो दूषित पानी और भोजन के माध्यम से फैलता है। वहीं हर साल इस संक्रमण के कारण दुनियाभर में 117,000 से 161,000 लोगों की मृत्यु होती है। बता दें बच्चों के लिए यह बुखार बेहद घातक साबित हो सकता है, क्योंकि इसके 27% पीड़ित 5 साल से कम उम्र के बच्चे होते हैं। वहीं जाइडस की इस वैक्सीन को WHO की मंजूरी मिलने के बाद, टाइफाइड बुखार के खिलाफ ये एक हथियार का काम कर सकती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां इस बीमारी का खतरा ज्यादा है।

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