नई दिल्ली. आधार का डेटा सुरक्षित है और इसे 13 फीट ऊंची-5 फीट मोटी दीवार के पीछे रखा गया है, सरकार के इन दावों की पुष्टि करते हुए हाल ही में ट्राई चेयरमैन राम सेवक शर्मा ने अपना आधार नंबर शेयर कर विवाद खड़ा कर दिया था. उन्होंने चैलेंज दिया था कि आधार नंबर से मेरा क्या बिगाड़ लोगे. इसके बाद हैकर्स ने उनका मोबाइल नंबर, घर का पता आदि खोज निकाले. हालांकि, राम सेवक शर्मा संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने कहा कि इस जानकारी के सार्वजनिक हो जाने से मेरा बिगड़ा क्या? इसके बाद अब भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यूआईडीएआई, के निजता पर उठते सवालों के बीच एक नया विवाद और जुड़ गया है. शुक्रवार को लोगों के एंड्रॉयड स्मार्टफोन में अचानक आधार अथॉरिटी यूआईडीएआई का टोल फ्री 1800-300-1947 नंबर सेव हो गया है.
यह नंबर सेव हो जाने के बाद लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर यह कहां से आया. उन्होंने इस नंबर को सेव नहीं किया तो अपने आप ही कैसे उनके फोन तक पहुंच गया यह बड़ा सवाल है. इस बीच यूआईडीएआई ने इस नंबर को पुराना बताते हुए कहा है कि यह बंद हो चुका है. इस नंबर से अब उसका कोई लेना देना नहीं है. इस मामले पर एक्सपर्ट्स का कहना है कि हो सकता है यह नंबर भीम, mAadhaar, पेटीएम जैसे किसी सरकार ऐप का इस्तेमाल करने से आपके मोबाइल में पहुंच गया हो. हालांकि वे इस पर पूरी तरह से श्योर नहीं हैं.
दूसरा कारण बताया जा रहा है कि हो सकता है सिम खरीदते समय आधार नंबर दिया हो, वहां से भी यह नंबर आया हो सकता है. अगर ये सब नहीं किया है तो फोन में ऐसी सर्विस इस्तेमाल करने से यह नंबर आया हो जिससे आधार लिंक है. ये सर्विस बैंक अकाउंट या फिर मोबाइल बैंकिंग हो सकती है. एक्सपर्ट इन दोनों ही माध्यमों से इस नंबर के आपके फोन में घुसने की संभावना जता रहे हैं. ऐसे में लोगों को फिक्र हो रही है कि उनके मोबाइल में कोई नंबर उन्हें बगैर बताए सेव किया जा सकता है तो डिलीट भी किया जा सकता है. अगर किसी की पहुंच कॉन्टेक्ट लिस्ट तक हो सकती है तो संभव है कि वह पूरा मोबाइल भी हैक कर सकता है. डिजीटल इंडिया के दौर में बैंकिंग से लेकर मेल और संचार के अन्य दूसरे माध्यम फोन से ही जुड़े हैं. ऐसे में खतरा बड़ा होने की संभावना जताई जा रही है.
एक्सपर्ट ने चौथा कारण जो बताया है वह आपको थोड़ा परेशान कर सकता है. चौथे कारण के बारे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि किसी विदेशी कंपनी ने लोगों को ट्रैक करने और उनकी प्रोफाइलिंग करने के लिए नंबर डाला हो ऐसा संभव है. ऐसे में उपभोक्ताओं के फोन में इस नंबर की घुसपैठ को प्राइवेसी पर हमला माना जा रहा है. यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घुसपैठ को ईवीएम से जोड़ते हुए तंज कसा है. उन्होंने ट्वीट किया है, ‘अब लोगों के ऐंड्रॉइड मोबाइल फोन की कॉन्टेक्ट लिस्ट में उनकी मर्ज़ी के बिना ‘आधार कार्ड’ की हेल्पलाइन का नम्बर अवैध रूप से सेव हो गया है. इसका मतलब कुछ लोगों ने आपके फोन और उसकी सूचनाओं तक अपनी पहुंच बना ली है. इनमें वो लोग भी होगें, जो कहते हैं कि EVM पूरी तरह सुरक्षित है.’
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