नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र के दौरान समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने महाकुंभ हादसे को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने सरकार से कहा कि वो मृतकों का आंकड़ा जारी करे। साथ में संसद में मृतकों के लिए 2 मिनट का मौन रखा जाए। सर्वदलीय बैठक बुलाए। सदन में सरकार को घेरते-घेरते अचानक उन्होंने इस्तीफा देने की बात कह दी।
अखिलेश यादव ने मांग की कि महाकुंभ हादसे में हुई मौतों, घायलों के इलाज, दवाइयों, डॉक्टरों, भोजन, पानी, परिवहन की उपलब्धता के आंकड़े संसद में पेश किए जाएं। महाकुंभ त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई हो और सच्चाई छिपाने वालों को सजा मिले। हम डबल इंजन सरकार से पूछते हैं कि अगर कोई दोष नहीं था तो आंकड़े क्यों दबाए गए, छिपाए गए और मिटाए गए? महाकुंभ पहली बार नहीं हो रहा है। प्रचार किया गया कि सरकार ने 100 करोड़ लोगों के आने का इंतजाम किया , अगर ये बात गलत है तो मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं.
#WATCH समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “जब पता चला कि कुछ लोगों की जान चली गई है, उनके शव शवगृह और अस्पताल में पड़े हैं, तो सरकार ने अपने सरकारी हेलीकॉप्टर में फूल भरकर पुष्प वर्षा की। यह कैसी सनातनी परंपरा है? भगवान जाने कितने चप्पल, कपड़े और साड़ियां पड़ी थीं और उन… pic.twitter.com/1cJmY17igf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 4, 2025
सपा प्रमुख ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शोक संवेदना तक व्यक्त नहीं की। जब देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने शोक संवेदना व्यक्त की तो 17 घंटे बाद (राज्य) सरकार ने इसे स्वीकार किया। ये वो लोग हैं जो आज भी सच्चाई को स्वीकार नहीं कर सकते।