Karnataka Political Crisis: सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को कर्नाटक का राजनीतिक घमासान पर सुनवाई हुई, जहां न्यायमूर्ति एके सीकरी की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने आदेश दिया कि बीएस येदियुरप्पा को शनिवार को फ्लोर टेस्ट के जरिए बहुमत साबित करना होगा. वहीं इस सुनवाई के दौरान SC ने चुटकी लेते हुए कहा कि...
नई दिल्ली. कर्नाटक में मचे सियासी घमासान में सीएम रेस का मामला गरमाता जा रहा है. कर्नाटक का राजनीतिक नाटक सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है. जिसमे शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आदेश दिया कि कर्नाटक विधानसभा में कल शाम (19 मई) चार बजे बहुमत साबित किया जाए. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद बीजेपी के नव नियुक्त मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को कल साबित करना होगा कि उनके पास राज्य में विधायकों की संख्या पर्याप्त है कि नहीं. सुप्रीम कोर्ट में मचे घमासान में एक समय रिजॉर्ट पॉलिटिक्स का जिक्र उठा.
ये रिजॉर्ट पॉलिटिक्स का मामला तब उठा जब बीजेपी के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि कांग्रेस-जेडीएस ने अपने विधायकों को कर्नाटक के बाहर व रिजॉर्ट में कैद कर रखा है. इस दलील पर सुप्रीम कोर्ट में हल्के अंदाज में कहा कि जिन रिजॉर्ट में एमएलए को बंद कर रखा है वहां तो रिजॉर्ट के मालिकों को भी बंद किया हुआ है. उनके मालिकों की शिकायत आ रही है कि उन्हें रिजॉर्ट में घुसने नहीं दिया जा रहा.
बता दें सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति एके सीकरी की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने शुक्रवार को फैसला सुनाया कि बीजेपी के बीएस येदियुरप्पा को शनिवार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट (शक्ति परीक्षण) के जरिए बहुमत साबित करना होगा. वहीं मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम येदियुरप्पा ने कहा कि वह चीफ सेक्रेटरी से बात करके कल ही विधानसभा का सत्र बुलाएंगे. मुझे 100 प्रतिशत विश्वास है कि हम बहुमत साबित करेंगे.
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