नई दिल्ली: जहरीली शराब ने बिहार में तीन दिनों में 66 लोगों की जान ले ली। इनमें से 61 मौतें अकेले छपरा में हुई हैं। सीवान में भी 5 लोगों की जहरीली शराब से मौत हो गई। बिहार में शराबबंदी को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो रहे हैं. शराब कांड को लेकर प्रदेश और देश की राजनीति गरमा गई है। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से विधानसभा में दिए गए बयान ने भी इस मामले को और हवा दे दी. दरअसल, नीतीश ने कहा कि उन्हें उन लोगों से कोई हमदर्दी नहीं है जो शराब पीकर मरे हैं. “जो पीएगा वह तो मरेगा ही”. अब विपक्ष बिहार सरकार और नीतीश को लेकर और आक्रामक हो गया है.
भारत के कितने राज्यों में शराबबंदी है और देश के किन राज्यों में शराब पीने से मरने वालों की तादाद सबसे ज्यादा है. कहां-कहां शराबबंदी है, वहां पर शराब कैसे बिकती है, लोगों तक शराब कैसे पहुंचती है? आपके मन में उठने वाले ऐसे ही तमाम सवालों का जवाब आज हम देंगे।
साल 2021 में जहरीली शराब से देशभर में कुल 782 लोगों की मौत हुई। इसमें उत्तर प्रदेश में 137 लोगों की मौत हुई है। जबकि पंजाब में 127, मध्य प्रदेश में 108, कर्नाटक में 104, झारखंड में 60 और राजस्थान में 51 लोगों की जान गई थी.
कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण हुए लॉकडाउन के बीच भी लोगों ने जमकर शराब पी थी. 2020 में, नकली शराब के सेवन से देश भर में कुल 947 लोगों की मौत हुई। मध्य प्रदेश में 214, झारखंड में 139, पंजाब में 133, कर्नाटक में 99 और छत्तीसगढ़ में 67 लोगों की मौत हुई है। –
साल 2019 में जहरीली शराब से देस्ग ने 1,296 लोगों की मौत हुई। कर्नाटक में 268, पंजाब में 191, मध्य प्रदेश में 190, छत्तीसगढ़ और झारखंड में 115-115, असम में 98 और राजस्थान में 88 लोगों की जान गई।
साल 2018 में, नकली शराब से देश भर में कुल 1,365 लोगों की जान चली गई। मध्य प्रदेश में 410, कर्नाटक में 218, हरियाणा में 162, पंजाब में 159, उत्तर प्रदेश में 78, छत्तीसगढ़ में 77 और राजस्थान में 64 लोगों की जान गई।
साल 2017 में जहरीली शराब के सेवन से कुल 1,510 लोगों की मौत हुई थी. इसमें कर्नाटक में 256, मध्य प्रदेश में 216, आंध्र प्रदेश में 183, पंजाब में 170, हरियाणा में 135, पुडुचेरी में 117, छत्तीसगढ़ में 104 की मौत हुई है।
बिहार समेत तमान राज्यों में शराबबंदी कानून होने के बावजूद शराब की बरामदगी के मामले हमेशा सामने आते रहते हैं. कई जगहों पर प्रशासनिक लापरवाही के चलते धड़ल्ले से शराब की बिक्री हो रही है. कई जगहों पर अधिकारियों की अनदेखी इसका मुख्य कारण है। कुछ जगहों पर अधिकारी और मुखिया भी सेंधमारी करते हैं। इन्हीं कारणों से बिहार जैसे राज्यों में शराबबंदी का कोई मतलब नहीं बनता। दिखावे के लिए चंद लोगों पर कार्रवाई हो जाती है, लेकिन अधिकारी और नेता हमेशा बेदाग ही रहते हैं और उनपर कोई सवाल नहीं उठाता।
साथ ही आपको बता दें, बिहार में यूपी और झारखंड के बॉर्डर से शराब की तस्करी की जाती है. स्टेट लाइन पर कुछ जगहों पर कड़े इंतजाम हैं, लेकिन कई जगह ऐसी भी हैं, जहां तस्करी रोकने के लिए कोई खास इंतजाम नहीं है।
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