दिल्ली: रुस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग लंबे वक्त से सुर्खियों में बनी हुई। इस बात को समझ पाना बेहद मुश्किल होता चला जा रहा है कि इस जंग के क्या मायने हैं और इससे किसे फ़ायदा होने जा रहा है। इस युद्ध को दस महीनों से ज़्यादा का समय हो चुका है। […]
दिल्ली: रुस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग लंबे वक्त से सुर्खियों में बनी हुई। इस बात को समझ पाना बेहद मुश्किल होता चला जा रहा है कि इस जंग के क्या मायने हैं और इससे किसे फ़ायदा होने जा रहा है। इस युद्ध को दस महीनों से ज़्यादा का समय हो चुका है। ऐसा माना जा रहा था की पुतिन क्रिसमस के त्योहार तक अपनी फ़ौज को जंग के मैदान से वापस बुला लेंगे लेकिन फिलहाल यह कहना मुश्किल लग रहा है की अब रुसी फ़ौज वापस लौट सकती है।
क्या है पुतिन के “ब्रेन” यानि अलेक्ज़ेंडर डुगिन की मंशा?
अलेक्ज़ेंडर डुगिन को पुतिन का दिमाग माना जाता है, ऐसा कहा जाता है कि पुतिन के किसी भी सियासी फ़ैसले में डुगिन का सीधा या परोक्ष रुप से कोई न कोई असर ज़रुर रहता है। अलेक्ज़ेंडर डुगिन ने इस जंग के बारे में दुनिया के तामाम मुल्कों को चेताया है कि रुस अपना अभियान बिना किसी सफलता के बीच में नहीं रोकने वाला। इस संदेश से एक बात तो एकदम स्पष्ट हो जाती है कि रुस इस युद्ध अभियान को बिना किसी तय नतीजे के नहीं छोड़ने वाला है। आपको बताते चलें कि अलेक्ज़ेंडर डुगिन एक कामयाब लेखक और राजनीतिक दार्शनिक हैं।
भविष्य में रुस और यूक्रेन की जंग का क्या नतीजा निकल सकता है?
अलेक्ज़ेंडर डुगिन ने अपने हालिया बयान में यह बात एकदम साफ़ तौर पर बता दी है कि इस जंग में दो चीज़े होने की संभावना है-
पहला यह कि जंग रुस की जीत के साथ ख़त्म हो जाएगा, जो कि अपने आप में बहुत बड़ी चुनौती है और कड़े मशक्कत के बाद ही इस काम में सफलता मिल सकती है।
दूसरी संभावना यह बनती है कि इस जंग का अंत सारी दुनिया की बर्बादी के साथ ही ख़त्म होगा। डुगिन ने अपनी मंशा बताते हुए कहा है कि रुस इस लड़ाई में जीत के अलावा किसी और विकल्प के बारे में सोच भी नहीं सकता।
ऐसे हालात में ज़ेलेंस्की कितने दिनों तक अमेरिका और साथी देशों की मदद के सहारे इस जंग को लड़ सकते हैं, यह बता पाना एक पेचीदा मसला दिखाई पड़ता है।
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