बॉयफ्रेंड छुट्टी मनाने पहाड़ों पर गया तो उसकी जगह पेपर देने बैठी गर्लफ्रेंड, जानिए कैसे पकड़ी गई?

गांधीनगर। अब तक हम सुनते आए हैं कि इश्क और जंग में सब कुछ जायज होता है। गुजरात में एक प्रेमिका ने इसकी मिसाल भी पेश कर दी है। परीक्षाओं के दौरान जब बॉयफ्रेंड छुट्टियां मनाने के लिए उत्तराखंड के पहाड़ों पर गया तो गर्लफ्रेंड उसकी जगह कॉलेज में एग्जाम देने के लिए बैठ गई। […]

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बॉयफ्रेंड छुट्टी मनाने पहाड़ों पर गया तो उसकी जगह पेपर देने बैठी गर्लफ्रेंड, जानिए कैसे पकड़ी गई?

Vaibhav Mishra

  • December 26, 2022 12:11 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

गांधीनगर। अब तक हम सुनते आए हैं कि इश्क और जंग में सब कुछ जायज होता है। गुजरात में एक प्रेमिका ने इसकी मिसाल भी पेश कर दी है। परीक्षाओं के दौरान जब बॉयफ्रेंड छुट्टियां मनाने के लिए उत्तराखंड के पहाड़ों पर गया तो गर्लफ्रेंड उसकी जगह कॉलेज में एग्जाम देने के लिए बैठ गई। अब सजा के रूप में डमी कैंडिडेट बनी लड़की की डिग्री को रद्द किया जा सकता है और असल छात्र को तीन साल तक परीक्षा में बैठने से वंचित किया जा सकता है।

सरकारी नौकरी करती है गर्लफ्रेंड

बता दें कि यह मामला गुजरात के सूरत में स्थित वीर नर्मदा दक्षिण गुजरात यूनिवर्सिटी का है। अगर यूनिवर्सिटी प्रबंधन निष्पक्ष मूल्यांकन और परामर्शदात्री दल की सिफारिशों को स्वीकार करता है तो डमी उम्मीदवार बनी लड़की की सरकारी नौकरी भी जा सकती है। इसके साथ ही उसकी खुद की डिग्री को भी रद्द किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि लड़की भी उसी यूनिवर्सिटी की छात्रा रह चुकी है। वहीं वास्तविक छात्र को अगले तीन साल तक परीक्षा देने से रोका जा सकता है।

फोटो और नाम में किया बदलाव

जांच समिति को पता चला है कि लड़की ने कंप्यूटर की मदद से बॉयफ्रेंड की जगह प्रवेश पत्र में अपनी फोटो लगा ली थी। इसके साथ ही उसने नाम में भी मामूली बदलाव किया था। गौरतलब है कि आम तौर पर देखा जाता है कि जो छात्र यूनिवर्सिटी में अच्छे नंबरों से परीक्षा पास कर चुके होते हैं, वहीं डमी कैंडिडेट के तौर पर बैठते हैं। जानकारी के मुताबिक पकड़ी गई लड़की ने भी अच्छे नंबरों से बीकॉम की परीक्षा को पास किया था। फिलहाल वो सरकारी नौकरी कर रही है।

ऐसे पड़की गई शातिर लड़की

बता दें कि आम तौर पर परीक्षा हॉल में पर्यवेक्षक हर दिन बदलते रहते हैं, इसी वजह से उन्हें किसी भी कैंडिडेट के बारे में कुछ पता नहीं होता है। हालांकि वो हर छात्र का रोल नंबर जरूर चेक करते हैं। इस मामले में उसी हॉल में परीक्षा दे रहे एक अन्य छात्र ने पर्यवेक्षक को बताया कि जिस सीट पर आज लड़की बैठी है, वहां पर पिछले दिनों दूसरा लड़का परीक्षा दे रहा था। बस इसी इनपुट के आधार पर शातिर लड़की को पकड़ लिया गया।

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