जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने तो इसकी खबर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित उनके पैतृक गांव गाह तक पहुंची। जहां उनके बचपन के दोस्त आज भी मौजूद हैं।
नई दिल्ली : ये कहानी 2008 की है जब पाकिस्तान से एक खास मेहमान भारत आया था। ये मेहमान कोई और नहीं डॉ.मनमोहन सिंह के बचपन का यार राजा मोहम्मद अली थे जो अपने भतीजे के साथ पूर्व PM डॉ.मनमोहन सिंह से मिलने आये थे।
दरअसल, डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत (अब पाकिस्तान में) के पंजाब प्रांत में हुआ था। 1947 में भारत के विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया था, तब उनकी उम्र 14 साल थी। तब से वे भारत में ही रहे और आगे की शिक्षा प्राप्त की।
जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने तो इसकी खबर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित उनके पैतृक गांव गाह तक पहुंची। जहां उनके बचपन के दोस्त आज भी मौजूद हैं। उन्हीं दोस्तों में से एक राजा मोहम्मद अली 2008 में मनमोहन सिंह से मिलने आए थे।
राजा मोहम्मद अली ने मनमोहन सिंह को अपने गांव गाह की एक तस्वीर भेंट की। बदले में मनमोहन सिंह ने उन्हें एक पगड़ी, एक शॉल और टाइटन घड़ियों का एक सेट भेंट किया।
आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार रात 9:51 बजे दिल्ली के एम्स में निधन हो गया है। उन्होंने रात 9:51 बजे एम्स में अंतिम सांस ली। आज शाम बेहोश होने के बाद उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह काफी समय से स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे थे। इससे पहले भी उन्हें कई बार स्वास्थ्य कारणों से अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका था।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। भारतीय राजनीति और आर्थिक सुधारों में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। 1991 में भारतीय अर्थव्यवस्था को उदारीकरण के रास्ते पर ले जाने वाले डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। वे दो कार्यकाल (2004-2014) तक भारत के प्रधानमंत्री रहे और देश के विकास में अहम भूमिका निभाई।
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