नई दिल्ली :आम तौर पर डॉक्टर आलू से दूरी बनाने के लिए कहते है. अपने सेहद को लेकर जागरूक लोग खुद ही आलू खाने से परहेज करते हैं,लेकिन अब एक ऐसा आलू बाजार में आने वाला है,जिसे डॉक्टर भी खाने के लिए कहेंगे. इस आलू की खोज केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान शिमला ने की है.प्रधानमंत्री द्वारा एक दिन पहले पूसा में लांच की गयी 109 किस्मों में से यह भी एक है.
इस नई किस्म का नाम कुफरी जामुनिया है.इसको खोजने में लगभग 9 साल लग गए.साल 2015 से इसकी शुरुआत की गयी थी.नई किस्मों के लांचिंग के अवसर पर प्रधानमंत्री को इस आलू को दिखाते हुए खासियत भी बताई गयी. प्रधानमंत्री ने इसकी तारीफ भी की थी .
इस आलू को खोजने वाले केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. एसके लूथरा ने कहा कि कुफरी जामुनिया बैंगनी गूदे वाली एंटी-ऑक्सीडेंट और एंथोसायनिन से भरपूर आलू की किस्म है. इसके 100 ग्राम गूदे में हाई एंटी-ऑक्सीडेंट यानी विटामिन सी (52 मिलीग्राम), एंथोसायनिन (32 मिलीग्राम), कैरोटीनॉयड (163 माइक्रोग्राम) होते हैं.इसी वजह से यह आलू फांयदेमंद है.
किन इलाकों में होगी पैदावार
कुफरी जामुनिया आलू की पैदावर पंजाब,उत्तर प्रदेश, हरियाणा उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान,गुजरात,छत्तीसगढ़, उड़ीसा, असम, पश्चिम बंगाल और बिहार में उगाया जा सकता है.
प्रधानमंत्री के द्वारा 61 फसलों की 109 किस्मों में 34 फील्ड और 27 बागवानी फसलें शामिल हैं. फील्ड फसलों में मोटे अनाज, चारा फसलें, तिलहन, दलहन, गन्ना, कपास, रेशा और अन्य फसलों सहित विभिन्न अनाजों के बीज जारी किए गए.बागवानी फसलों में फलों, सब्जियों, रोपण फसलों, कंद फसलों, मसालों, फूलों और औषधीय फसलों की विभिन्न किस्में शामिल हैं.
कुफ़री जामुनिया से रंगीन सब्जी करी, पूरी, परौंठा ,रायता,दलिया, पकौड़ा ,सूजी और आटा बनता है. इसके अलावा उपमा, हलवा, डोसा, इडली (बैटर) सूप, कुकीज़, अन्य बेकरी आइटम बनाए जा सकते हैं.
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