नई दिल्ली: 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को यादगार बनाने की बात हो तो मुस्लिम भी पीछे नहीं हैं. कहीं रामदून दोहराया जाता है तो कहीं राम पर आधारित छंद पढ़े जाते हैं, और इन्हीं में से एक हैं शहर के शायर नूर शम्स, जो भगवान श्रीराम पर आधारित भजन […]
नई दिल्ली: 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को यादगार बनाने की बात हो तो मुस्लिम भी पीछे नहीं हैं. कहीं रामदून दोहराया जाता है तो कहीं राम पर आधारित छंद पढ़े जाते हैं, और इन्हीं में से एक हैं शहर के शायर नूर शम्स, जो भगवान श्रीराम पर आधारित भजन लिख रही हैं, और नूर इन भजनों को अपनी सुरीली आवाज में रिकॉर्ड भी करेंगी और प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दिन सोशल मीडिया पर शेयर भी करेंगी. बता दें कि नूर उन स्थानों और रास्तों पर भजनों की माला पिरोने में व्यस्त हैं, जहां भगवान श्रीराम वन गमन के दौरान चले थे. दरअसल मंदिर का लोकार्पण करने से पहले वो भगवान राम को ये भजन अर्पित करेंगी.
वो अपने भजनों के शामिल होने को लेकर काफी उत्साहित हैं, और उन्हें जल्द ही मंच पर प्रदर्शन करने की भी उम्मीद है. हालांकि नूर का कहना है कि राम के आदर्श समाज को बदल देंगे, और भगवान का नाम चाहे भजनों के माध्यम से लिया जाए या कहानियों के माध्यम से, सबका बेड़ा पार उन्ही के नाम से होता है. जो लोग इस संसार रूपी भवसागर को पार करना चाहते हैं उनके लिए राम नाम का ही काफी है। उनका मानना है कि उनके श्री राम आधारित भजन ऐसी स्थितियों में लोगों को प्रेरित करते हैं.
बता दें कि नूर के एक भजन के बोल इस से तरह हैं- झूम रहे थे सब नर नारी, धूम मची थी त्रिभुवन में…नभ से खुशियां बरस रही थीं अवधपुरी के आंगन में….. दरअसल वो जल्द ही इस तरह के अपने भजनों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सभी रामभक्तों के साथ शेयर करने वाली है. साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाली नूर यमुनापार इलाके के मेजा में स्थित कपूरी बढैया गांव की रहने वाली हैं, और उन्होंने कम समय में ही काव्य पाठ के क्षेत्र में अपनी जगह बनाने की कोशिश की, और वो मुंबई में कई मंचों पर काव्य पाठ पहले भी कर चुकी हैं.
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