‘मुझे काशी का प्रसाद मिला तो तिरुपति की बात खटकी’, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को धर्मभ्रष्ट होने का डर

नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (तिरुपति मंदिर) के प्रसाद में जानवरों की चर्बी की मिलावट सामने आने के बाद से घमासान मचा हुआ है। इस खबर से पूरे देश के हिन्दू गुस्से में हैं। साधु-संतों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग […]

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‘मुझे काशी का प्रसाद मिला तो तिरुपति की बात खटकी’, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को धर्मभ्रष्ट होने का डर

Neha Singh

  • September 21, 2024 1:41 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (तिरुपति मंदिर) के प्रसाद में जानवरों की चर्बी की मिलावट सामने आने के बाद से घमासान मचा हुआ है। इस खबर से पूरे देश के हिन्दू गुस्से में हैं। साधु-संतों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। अब भारत के पूर्व राष्ट्रपति को भी धर्मभ्रष्ट होने का डर सताने लगा है। उन्होंने तिरुपति मंदिर के प्रसाद मे गाय की चर्बी मिलने पर चिंता व्यक्त की है।

मिलावट पाप है- कोविंद

पूर्व राष्ट्रपति ने कहा है कि हिंदुओं की प्रसाद में गहरी आस्था है लेकिन मिलावट की खबरें भक्तों में संदेह पैदा कर रही हैं। कोविंद ने अपने वाराणसी दौरे का जिक्र करते हुए कहा, “मैं काशी विश्वनाथ मंदिर नहीं जा सका, लेकिन मेरे कुछ साथी मंदिर गए और उन्होंने मुझे प्रसाद दिया। उस समय मुझे तिरुपति मंदिर में मिलावट की खबर याद आ गई। यह समस्या सिर्फ एक मंदिर तक सीमित नहीं रह सकती, यह हर मंदिर की कहानी हो सकती है।”

मिलावट को “पाप” बताते हुए कोविंद ने कहा, “मिलावट पाप है और हिंदू शास्त्रों में भी इसे पाप कहा गया है। प्रसाद भक्तों की आस्था का प्रतीक है और इसमें मिलावट निंदनीय है।” पूर्व राष्ट्रपति की इस टिप्पणी के बाद प्रसाद में मिलावट को लेकर जागरूकता बढ़ाने और इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग जोर पकड़ रही है।

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