कोलकाता। नए वक्फ कानून को लेकर पश्चिम बंगाल में बड़ा बवाल देखने को मिल रहा है। यहां शनिवार को मुर्शिदाबाद, नॉर्थ 24 परगना, हुगली और मालदा जैसे जिलों में जमकर हिंसक प्रदर्शन हुए। उपद्रवियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इसके साथ ही दुकानों-घरों में जमकर तोड़फोड़ की। इन घटनाओं में अब तक 3 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, 10 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हैं। फिलहाल पुलिस ने मामले में 150 लोगों को गिरफ्तार किया है।
हिंसक विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के तनावग्रस्त इलाकों में 1600 से ज्यादा जवानों को तैनात किया है। इनमें 300 के करीब तो बीएसएफ के जवान हैं। केंद्र ने कुल 21 कंपनियों को पश्चिम बंगाल में तैनात किया है। बता दें कि हिंसाग्रस्त इलाकों में इंटरनेट को बैन कर दिया गया है। साथ ही धारा-144 भी लागू कर दी गई है। मालूम हो कि नए वक्फ कानून को लेकर पश्चिम बंगाल में बीते 10 अप्रैल से हिंसक विरोध-प्रदर्शन जारी है।
पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने ADG (लॉ एंड ऑर्डर) जावेद शमीम को हिंसक प्रदर्शनों से निपटने की जिम्मेदारी दी है। इस बीच शमीम ने बीते दिन राजधानी कोलकाता में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस पूरी मेहनत से प्रयास कर रही है। अभी तक पुलिस की ओर से एक भी गोली नहीं चली है, जो गोली चली है वो हो सकता है कि बीएसएफ की ओर से चली हो।
वहीं, मुर्शिदाबाद और उसके आस-पास के इलाकों में रहने वाले हिंदुओं में डर का माहौल है। स्थानीय लोगों की मानें तो बहुत सारे हिंदू डर की वजह से मुर्शिदाबाद से पलायन कर रहे हैं। हिंदुओं का कहना है कि उन्हें जानबूझकर टार्गेट किया जा रहा है, पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है।
हर जुम्मे को हिंदू घरों पर मुस्लिमों का आतंक! प्रशासन मौन, क्या बंगाल में लगेगा राष्ट्रपति शासन?