देश-प्रदेश

जब पूर्व PM अटल बिहारी वाजपेयी ने कांग्रेस प्रेसिडेंट को कविता में लिख दिया था- चमचों का सरताज

नई दिल्ली. देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की हालत नाजुक बनी हुई है. दिल्ली के AIIMS में उनका इलाज चल रहा है. पूरे देश में उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए दुआओं का दौर जारी है. अटल जी से जुड़ा एक किस्सा आपको बताते हैं. आप सबने ‘इंदिरा इज इंडिया’ का नारा तो खूब सुना होगा, लेकिन इसके पीछे की कहानी शायद ना पता हो की किस मजबूरी में इमरजेंसी के वक़्त कांग्रेस प्रेसिडेंट देवकांत बरूआ को ये नारा ईजाद करना पड़ा और फिर इतनी जिल्लत झेलनी पड़ी की अटल बिहारी वाजपेयी ने एक कविता लिखकर बरूआ को चमचों का सरताज तक बोल दिया.

दरअसल12 जून 1975 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी को रायबरेली के 1971 के चुनावों मे अनियमितताओं का दोषी ठहराया और उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी. 6 साल के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी. जब इंदिरा गांधी को ये खबर लगी तो पूरे पीएम हाउस में अफरातफरी का माहौल था. सुबह ही खबर आई कि इंदिरा के करीबी डीपी धर की मौत हो गई है तो पहले इंदिरा वहां गईं.

इंदिरा को लगा बुरा दिन है, दो बुरी खबरें आईं हैं इस्तीफा दे देना चाहिए. इतने में संजय गांधी मारुति से घर आए और इंदिरा को बोला कि कोई जरूरत नहीं इस्तीफा देने की. उस वक्त कांग्रेस प्रेसीडेंट देवकांत बरुआ ने इंदिरा गांधी को एक अनोखा ऑफर दिया.

इस ऑफर के मुताबिक, कुछ समय तक के लिए इंदिरा कांग्रेस प्रेसिडेंट बन जाएं और अपनी जगह पीएम देवकांत को बना दें. तो संजय गांधी इससे बिफर गए और अकेले में इंदिरा को समझाया कि आपकी करीबियों में कोई भी विश्वासपात्र नहीं है. सबकी नजर आपकी कुर्सी पर है. देवकांत का ऑफर मानेंगी तो ये गद्दी से कभी नही उतरेगा. बाकी लोगों ने भी इंदिरा को समझाया कि इस्तीफा देने की बजाय सुप्रीम कोर्ट में अपील करनी चाहिए.

इधर देवकांत को जब ये अहसास हुआ कि उनकी सलाह उलटी पड़ गई है और कल को उन्हें टारगेट किया जा रहा है तो इंदिरा से रिश्ते सुधारने के लिए फौरन एक नारा ईजाद कर दिया- इंदिरा इज इंडिया. कांग्रेस नेताओं ने इसे हाथों-हाथ लिया. बरूआ से सबक गुस्सा भी जाता रहा. लेकिन उन दिनों जेल में बंद अटल बिहारी वाजपेयी ने बरूआ को टारगेट करके जेल में ही एक कविता लिख डाली-

इंदिरा इंडिया एक है इति बरुआ महाराज,
अक्ल घास चरने गई, चमचों के सरताज.
चमचों के सरताज, किया भारत अपमानित,
एक मृत्यु के लिए कलंकित भूत भविष्यत.
कह कैदी कविराय, स्वर्ग से जो महान है,
कौन भला उस भारत माता के समान है?

अटल बिहारी वाजपेयी जन्मदिन विशेषः वाजपेयी ने असल में ये कहा था कि नरेंद्र मोदी राजधर्म का पालन कर रहे हैं

Aanchal Pandey

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