नई दिल्ली, महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी को एक और तगड़ा झटका लगने वाला है. आम आदमी को अगले महीने से महंगाई की एक और चोट लगने वाली है. जहां एक तरफ रसोई गैस सिलेंडर और खाने के तेल समेत जरूरी चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं तो वहीं, अब आटा, ब्रेड, बिस्किट और कई ज़रूरी चीज़ों के दाम बढ़ने वाले हैं. दरअसल, महंगाई की मार का असर गेहूं की कीमतों पर नज़र आने वाला है. गेहूं की कीमतें दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है. इस साल 2022 में अब तक गेहूं की कीमतें 46 फीसदी तक बढ़ चुकी है. वर्तमान में मार्केट में गेहूं MSP से करीब 20 पर्सेंट ज्यादा कीमत पर बिक रहा है. ऐसे में गेहूं के महंगे होने से ब्रेड, बिस्किट, आटा और आटे से बने अन्य उत्पादों की कीमत में भी उछाल देखने को मिलने वाला है.
भारतीय खाद्य निगम खाद्य पदार्थों की सप्लाई बढ़ाने और बाजार में खाद्यान्न, विशेष रूप से गेहूं की प्रचुरता सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से OMS योजना के तहत गेहूं की बिक्री करता है. बता दें कि जिस सीजन में गेहूं की आवक कम होती है उस सीजन में इसकी बिक्री की जाती है. भारतीय खाद्य निगम के इस कदम से मार्केट में गेहूं की सप्लाई होती रहती है और कीमतें भी नियंत्रण में रहती हैं. भारतीय खाद्य निगम से हाई वाॅल्युम में एक वर्ष में सात से आठ मिलियन टन तक गेहूं खरीदा जाता है. हालांकि, केंद्र ने चालू वर्ष में गेहूं के लिए ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) की घोषणा अब तक नहीं की है, जिससे कंपनियों को महंगाई और कमी की चिंता सता रही है.
खुदरा बाज़ार में गेहूं के आटे की औसत कीमत सोमवार को 32.91 रुपये प्रति किलोग्राम रही, जो पिछले साल की समान अवधि तुलना में लगभग 13 प्रतिशत ज्यादा है. 8 मई, 2021 को गेहूं के आटे का औसत मूल्य 29.14 रुपये प्रति किलोग्राम था.
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