नई दिल्ली, केंद्र सरकार की तरफ से गेहूं के निर्यात पर फिलहाल रोक लगा दी गई है. गेहूं के बढ़ते दामों को काबू में लाने के लिए सरकार ने निर्यात पर रोक लगाने का फैसला लिया है. सरकार की तरफ से तर्क दिया जा रहा है कि इस कदम की वजह से बढ़ती महंगाई से […]
नई दिल्ली, केंद्र सरकार की तरफ से गेहूं के निर्यात पर फिलहाल रोक लगा दी गई है. गेहूं के बढ़ते दामों को काबू में लाने के लिए सरकार ने निर्यात पर रोक लगाने का फैसला लिया है. सरकार की तरफ से तर्क दिया जा रहा है कि इस कदम की वजह से बढ़ती महंगाई से राहत मिल सकती है. इस फैसले से गेहूं की कीमतों में गिरावट देखने को मिल सकती है. वहीं, दूसरी ओर सरकार के जिस फैसले का कुछ व्यापारी संगठन स्वागत कर रहे हैं, तो वहीं कई किसान उसी फैसले से खुश नहीं हैं.
किसानों की नजर में गेहूं के निर्यात पर लगाए गए बैन की वजह से आने वाले समय में उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है. इसके अलावा, सरकार ने अब गेहूं खरीद के नियमों में भी ढील देने का फैसला किया है, कई किसान इसे भी अपने लिए नुकसान मान रहे हैं. किसानों का मानना है कि गेहूं पर लगाए गए निर्यात बैन की वजह से अब उन्हें कम दामों में अपनी उपज बेचनी होगी, वहीं दूसरी तरफ सरकार ने खरीद के नियमों में जो ढील दी है, उसका फायदा किसानों से ज्यादा उन निजी व्यापारियों को होने वाला है जिन्होंने उनसे काफी पहले ही गेहूं खरीद लिया था.
किसानों का कहना है कि खरीद के नियमों में ढील देना, खरीद अवधि को बढ़ा देना, इन तमाम फैसलों से सिर्फ निजी खिलाड़ियों को फायदा पहुंचने वाला है क्योंकि किसान तो पहले ही उन्हें अपनी फसल बेच चुके हैं इसलिए किसान को तो कोई लाभ नहीं मिलने वाला. किसानों का कहना है कि सरकार ने ये कदम उठाने में बहुत देरी कर दी, सरकार ने ये कदम तब उठाया जब किसान पहले ही अपनी फसल निजी खिलाड़ियों को बेच चुके थे.
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