नई दिल्ली: कर्नाटक चुनावों में भाजपा की करारी हार के बाद पूरे देश का सियासी माहौल बदला हुआ है. प्रधानमंत्री मोदी की छवि भी इस हार से धूमिल दिखाई दे रही है क्योंकि उन्होंने विधानसभा चुनाव में बढ़ चढ़कर प्रचार किया था. दूसरी ओर कांग्रेस की जीत से विपक्षी पार्टियों में अलग ही उत्साह दिखाई […]
नई दिल्ली: कर्नाटक चुनावों में भाजपा की करारी हार के बाद पूरे देश का सियासी माहौल बदला हुआ है. प्रधानमंत्री मोदी की छवि भी इस हार से धूमिल दिखाई दे रही है क्योंकि उन्होंने विधानसभा चुनाव में बढ़ चढ़कर प्रचार किया था. दूसरी ओर कांग्रेस की जीत से विपक्षी पार्टियों में अलग ही उत्साह दिखाई दे रहा है. साल 2024 के चुनावों से पहले इन नतीजों ने देश भर की सभी विपक्षी पार्टियों का मनोबल भी बढ़ा दिया है. ऐसे में भाजपा की हार पर विदेशी मीडिया ने क्या लिखा ये भी जानना जरूरी है.
कर्नाटक में बीजेपी की हार पर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के सभी बड़े अखबारों ने खबर छापी है. जहां पाकिस्तान के बड़े अख़बार डॉन ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि नरेंद्र मोदी की बीजेपी सरकार लोकसभा चुनावों से एक साल पहले कर्नाटक में हार गई है. पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक में बीजेपी की हार की जिम्मेदारी ली है. प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी एक चुनावी रैली में विवाद पैदा करने वाली फिल्म द केरल स्टोरी की प्रशंसा की थी. पाकिस्तानी अख़बार ने लिखा है कि इस फिल्म में इस्लाम कबूल करने वाली और आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट में शामिल होने वाली हिंदू महिलाओं की संख्या को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया है. रिपोर्ट में आगे लिखा है कि हिंदू देवता हनुमान का नाम लेकर मोदी ने भी हिंदू वोटर्स को रिझाने की कोशिश की थी.
पड़ोसी देश नेपाल के प्रमुख अखबार काठमांडू पोस्ट का कर्नाटक रिजल्ट को लेकर कहना है कि 2024 में लोकसभा चुनावों से पहले कर्नाटक में कांग्रेस की जीत पार्टी को प्रोत्साहित करेगी. रॉयटर्स के हवाले से अखबार ने आगे लिखा है कि नरेंद्र मोदी जब से सत्ता में आए थे उसके बाद से ही कांग्रेस खराब प्रदर्शन कर रही थी. कांग्रेस कर्नाटक चुनाव जीतने से पहले 2019 के बाद से किसी राज्य में चुनाव नहीं जीत सकी है.
रूस के सरकारी ब्रॉडकास्टर Russia Today, (RT) ने प्रधानमंत्री को करिश्माई नेता बताते हुए लिखा कि मोदी की छवि को कर्नाटक चुनाव में मिली हार से नुकसान पहुंचा है. इस रिपोर्ट में आगे लिखा है कि ‘भाजपा बढ़ते ध्रुवीकरण और सांप्रदायिक टकराव के बीच करिश्माई नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 से भारत में सत्ता में है. हालांकि, कर्नाटक चुनाव में हार से अपने दम पर वोट जुटाने वाले नेता के तौर पर मोदी की छवि को नुकसान पहुंचा है.’
भाजपा की हार पर तुर्की के सरकारी ब्रॉडकास्टर टीआरटी वर्ल्ड ने लिखा कि कांग्रेस को देश भर में यह चुनाव अपने राजनीतिक प्रभाव को फिर से हासिल करने में मदद करेगा. TRT वर्ल्ड ने आगे लिखा, ‘बीजेपी चुनावों में मोदी की लोकप्रियता पर निर्भर थी और चाहती थी कि कर्नाटक पर अपनी सत्ता को बनाए रखे. कर्नाटक एकमात्र दक्षिण भारतीय राज्य है जहां बीजेपी सत्ता में थी और जहां कट्टर हिंदू राष्ट्रवाद की राजनीति को धीमी प्रतिक्रिया मिली हो.’
कतर के न्यूज नेटवर्क अलजजीरा ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर लिखा कि बीजेपी की सरकार दक्षिण भारत के पांच राज्यों में से सिर्फ एक राज्य कर्नाटक में थी जो भाजपा से छिन गई है. कर्नाटक चुनाव के परिणाम विपक्ष का मनोबल बढ़ा देंगे. मोदी को हटाने की रणनीति बनाने को लेकर विपक्ष काम कर रहा है.
अलजजीरा के शब्दों में, ‘बीजेपी से शासन में कर्नाटक के मुसलमानों ने लगातार उत्पीड़न को झेला है. कई मुस्लिमों के साथ हिंदू दक्षिणपंथी कॉन्सपिरेसी थ्योरी लव जिहाद, के आरोप में दुर्व्यवहार किया गया है. गाय का मांस खाने के आरोप में कई मुस्लिमों की हत्या कर दी गई है. कर्नाटक के हिंदू संगठनों ने यह भी मांग की कि कर्नाटक में हलाल मीट पर प्रतिबंध लगाया जाए, नमाज के लिए लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाए जाए और हिंदू मंदिरों के सामने मुस्लिमों के सामान बेचने पर भी रोक लगाई जाए.’
सऊदी अरब के अखबार अरब न्यूज ने कर्नाटक चुनाव को लेकर लिखा कि दक्षिण भारत में पीएम नरेंद्र मोदी की पार्टी भाजपा ने अपना एकमात्र शासित राज्य खो दिया है. अरब न्यूज ने आगे लिखा कि, ‘बीजेपी की हार 2024 के लोकसभा चुनाव का ट्रेलर समझी जा रही है. इन नतीजों ने कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पार्टियों के मनोबल को बढ़ा दिया है. सभी विपक्षी पार्टियां एक साथ आकर 2024 के चुनावों में मोदी को कड़ी टक्कर देने की योजना बना रहे हैं.’
हमने कांग्रेस को बहुत कुछ दिया, कर्नाटक में होना चाहिए मुस्लिम डिप्टी सीएम: सुन्नी वक्फ बोर्ड