प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। कांग्रेस समेत 9 विपक्षी दल उद्घाटन समारोह का बहिष्कार कर रहे हैं। विपक्षी दलों का कहना है कि नई संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा किया जाना चाहिए। उद्घाटन के अलावा दूसरा विवाद भी लक्ष्य को लेकर है। हालांकि इन मुद्दों के अलावा भी नई और पुरानी संसद को लेकर आम लोगों के मन में कई सवाल हैं, मसलन पुरानी संसद का क्या होगा? क्या नए संसद भवन की जरूरत थी? नई संसद में नया क्या है? पुरानी संसद का क्या होगा? वगैरह…. तो आइए इस खबर के जरिए आपको इन सवालों के जवाब देने की कोशिश करते हैं।
लोगों के मन में यह सवाल उठ सकता है कि नई संसद बनने के बाद पुरानी संसद को तोड़ा जाएगा? पुरानी संसद के घर को ध्वस्त नहीं किया जाएगा। इसे बनाए रखा जाएगा। मार्च 2021 में, केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राज्यसभा को बताया कि जब नया संसद भवन तैयार हो जाएगा, तो पुराने भवन की मरम्मत और एक विकल्प के रूप में उपयोग करने की आवश्यकता होगी। लेकिन पुरानी संसद का उपयोग किस लिए किया गया होगा, इस पर विस्तृत रूप से विचार नहीं किया गया है।
सरकार के मुताबिक पुरानी संसद को नहीं तोड़ा जाएगा। इसे संरक्षित किया जाएगा क्योंकि यह देश की एक पुरातात्विक संपत्ति है। इस भवन का उपयोग संसद से जुड़े कार्यक्रमों के आयोजन के लिए किया जाएगा। 2022 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुरानी संसद को म्यूजियम में तब्दील किया जा सकता है। यह सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत केंद्र सरकार की योजना है। संसद भवन को संग्रहालय में तब्दील करने के बाद आगंतुक लोकसभा कक्ष में भी बैठ सकते हैं।
1. नई संसद में इनमें से सुरक्षा के तमाम इंतज़ाम होंगे, जो मौजूदा संसद में फिलहाल मौजूद नहीं हैं। नई संसद में 360 डिग्री CCTV निगरानी सुविधा होगी। इसकी खासियत यह होगी कि ये CCTV कैमरे फेशियल रिकग्निशन सिस्टम (Facial Recognition System) से लैस होंगे। जिससे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति के लिए संसद में प्रवेश करना बेहद मुश्किल हो जाएगा।
2. नई संसद में घुसपैठियों को रोकने के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। थर्मल इमेजिंग सिस्टम (Thermal Imaging System) किसी भी घुसपैठिए का पता लगाने में मदद करेगा। साथ ही किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए दमदार फायर अलार्म सिस्टम (Fire Alarm System) भी रहेगा। आग से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए आग दमन प्रणाली (Fire Suppression System) के इंतज़ाम किए गए हैं।
3. नया संसद अपने स्टाफ और सांसदों की सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस होगा। किसी भी संदिग्ध को हिरासत में लेने के लिए संसद में कई बैरियर बनाए गए हैं। संदिग्ध को रोकने वाले बैरियर दीवारों, बाड़ों और चौकियों के रूप में होंगी।
4. नई संसद की सुरक्षा को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि संसद को आतंकवादी हमलों, बम विस्फोटों और आग सहित तमाम खतरों से बचाया जा सके। यह सिस्टम नए सांसदों, कर्मचारियों और विजिटर्स की सुरक्षा को भी पुख्ता करेंगे।
5. नई संसद में फिजकल सिक्योरिटी के अलावा कई सुरक्षा प्रोटोकॉल होने की भी खबर है। ये प्रोटोकॉल एक्सेस कंट्रोल (Access Control) से लेकर विजिटर मैनेजमेंट (Visitor Management) तक सब कुछ कवर करेंगे। इन प्रोटोकॉल का मकसद संसद में एक सुरक्षित माहौल तैयार करना है, जिसमें संसद सदस्य बिना किसी हमले के अपने कर्तव्यों का पालन कर सकें।
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