प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुए उमेश पाल शूटआउट ने इस समय पूरे सूबे की नींद उड़ा दी है. जहां इस हत्याकांड में अब तक कई नए चेहरे निकलकर सामने आए हैं. इस दोहरे हत्याकांड के मोटिव की भी अपनी नई कहानी निकलकर सामने आई है. आइए जानते हैं क्या था इस दोहरे हत्याकांड का मोटिव.
पुलिस की पड़ताल में उमेश पाल के क़त्ल की वजह निकलकर सामने आई है. पुलिस की मानें तो इस शूटआउट के पीछे अतीक के साथ उमेश पाल की एक जमीन के झगड़े की कहानी जुड़ी हुई है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो क़त्ल से ठीक एक साल पहले यानी 24 फरवरी 2022 को उमेश और अतीक की दुश्मनी में एक और नया एपिसोड शुरू हुआ था. दरअसल उमेश पाल की पीपलगांव में एक पुश्तैनी जमीन थी 22 फरवरी 2022 को उमेश पाल को कुछ लोगों ने फ़ोन कर सूचना दी कि कुछ लोग उसकी जमीन पर कब्ज़ा कर रहे हैं. जब उमेश पाल मौके पर पहुंचा तो उसने खालिद जफर, मोहम्मद मुस्लिम, अबूसाद, दिलीप कुशवाहा समेत छह-सात लोगों को मजदूरों के साथ अपनी जमीन पर देखा.
यह लोग जमीन की घेराबंदी की कोशिश कर रहे थे. पुलिस के अनुसार खालिद जफ़र ने उमेश की कनपटी पर हथियार रखकर उसे जमीन छोड़ने के लिए कहा. उसने उमेश पाल के सामने एक करोड़ की रंगदारी की भी मांग रखी जो जमीन छोड़ने के बदले में अतीक अहमद की ओर से की गई थी.
लेकिन कई महीने तक चक्कर काटने के बाद उमेश पाल ने अतीक अहमद और उसके कई गुर्गों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज़ करवाई. इसके बाद उमेश पाल और अतीक के बीच नई दुश्मनी का सिलसिला शुरू हुआ. अतीक ने उमेश पाल को अपना दुश्मन मान लिया और उसकी हत्या की साजिश की जाने लगी. खैर राजू पाल के क़त्ल के बाद दोनों के बीच पहले से ही दुश्मनी थी लेकिन इस विवाद ने ये नाता और गाढ़ा कर दिया. अब इस कत्ल से इस दूसरी कड़ी को भी जोड़कर देखा जा रहा है.
बता दें, 24 फरवरी को प्रयागराज में कुछ बदमाशों ने उमेश पाल की हत्या कर दी थी. यह हत्या ठीक उसी तरह की गई थी जिस तरह साल 2005 बसपा विधायक राजू पाल को मारा गया था. गौरतलब है कि, उमेश पाल राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह थे. राजू पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी माफिया अतीक अहमद को इस शूटआउट में मुख्य आरोपी बनाया गया है.
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